सीधी.लोकसभा क्षेत्र सीधी में प्रत्याशियों का चुनाव संपर्क अभियान तेज हो चुका है। प्रत्याशी जन संपर्क में पहुंचने के बाद नुक्कड सभाओं का आयोजन भी कर रहे हैं। जिससे वह मतदाताओं के बीच अपनी प्राथमिकताओं को रख सकें। कुछ प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जाने के बाद बड़े-बड़े वायदों की पोटली खोलने में भी पीछे नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को अपने पक्ष में रिझाने के लिए प्रत्याशियों द्वारा वायदों की झड़ी लगाई जा रही है। मतदाताओं को आश्वस्त किया जा रहा है कि उनकी जीत होने के बाद क्षेत्र का विकास कार्य काफी तेजी के साथ शुरू हो जाएगा। बड़े राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों द्वारा तो बड़े वायदे किए ही जा रहे हैं छोटे दलों के प्रत्याशियों के साथ ही चुनाव मैदान में उतरने वाले कुछ निर्दलीय प्रत्याशी भी बड़े वायदे करने में पीछे नहीं हैं। मतदाताओं में प्रत्याशियों की चुनावी सभा से खामोशी छाई हुई है। उनके द्वारा यह मंथन किया जा रहा है कि अभी तक के चुनावों में प्रचार के लिए आने वाले प्रत्याशियों द्वारा जीत मिलने के बाद क्या किया गया है। जीत मिलने के बाद प्रत्याशी क्या इसी तरह से गांव-गांव जन संपर्क में पहुंचेंगे।
या फिर जरूरत पर उनकी तलाश में जनता को ही भटकना पड़ेगा। मतदाताओं के बीच चुनाव मैदान में उतरने वाले एक-एक प्रत्याशी के संबंध में इन दिनों पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही यह भी प्रयास किया जा रहा है कि मतदाता ऐसे प्रत्याशी को प्राथमिकता दें जो उनके सुख-दुख में हमेंशा सहभागी बनें। दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे कार्यों के लिए लोगों का भटकना आम बात है। उस दौरान विभागीय अधिकारी एवं अमला सीधे मुंह बात नहीं करता। उस दौरान लोगों का प्रयास होता है कि माननीय सांसद द्वारा सिफारिश कर दें तो उनका कार्य आसानी से संबंधित अधिकारी कर देंगे। विडंबना यह होती है कि उस दौरान ग्रामीण जनता को माननीय नजर ही नहीं आते।
यदि किसी तरह से कोई व्यवस्था बना तो माननीय के जिला स्तर पर स्थित आवास में पहुंचा तो मालूम पड़ा कि भोपाल में हैं। जीत मिलने के बाद माननीय का अधिकांश समय राजधानी में ही गुजरता है और आम जनता के फोन से भी संपर्क करने पर नहीं हो पाता। ऐसे में जनता 5 साल तक खुद को ठगा हुआ महसूस करती है। चुनाव के दौरान सभी हांथ जोड़ रहे हैं। बाद में मालूम पड़ता है कि उनको मिलने का अवसर ही नहीं मिल पाता। अब चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वायदे किए जाने से उनके पूरा होने पर ही लोग चर्चा करने में व्यस्त हैं। चुनाव प्रचार के दौरान गर्मी का असर दोपहर में तेज बना हुआ है। ऐसे में काफी स्थानों में प्रत्याशियों को लोगों को पानी से जुड़ी समस्याएं भी सुनने को मिल रही हैं। जिसका निदान जीत के बाद प्राथमिकता से कराने का वायदा भी किया जा रहा है। लोगों की अन्य समस्याएं भी जन संपर्क के दौरान सामने आ रही हैं। नेताओं के पहुंचने पर कुछ लोग समस्याएं सामने रखने में पीछे नहीं हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार की सरगर्मी तेज होते ही हर जगह चर्चा का मुख्य विषय चुनाव ही इन दिनों बनी हुई है। गांव की चौपाल में लोगों के बीच चुनाव मैदान में उतरने वाले एक-एक प्रत्याशी को लेकर विस्तार से चर्चा हो रही है। लोगों का मानना है कि प्रजातंत्र में सभी को चुनाव लडने का अधिकार है। मतदाता भी अपने पसंदीदा प्रत्याशी को जिताने के लिए प्रयास करें। इन सबके बीच अहम बात यह है कि जीत मिलने के बाद कौन सा प्रत्याशी आम जनता के लिए आसानी से सुलभ होगा। यदि मुलाकात होती है तो आम जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए प्राथमिकता से प्रयास किया जाएगा या फिर नहीं।
इससे इतर लोगों की नजर इस बात पर भी टिकी हुई है कि चुनाव मैदान में उतरने वाला कौन सा प्रत्याशी जीत सकता है। जिले के सीधी लोकसभा क्षेत्र में जहां त्रिकोंणीय मुकाबले की स्थिति है। चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के साथ त्रिकोंणीय मुकाबले में गोंगपा प्रत्याशी अजय प्रताप सिंह हैं। यह अवश्य है कि मतदाताओं के लामबंद होने को लेकर अभी निश्चितता नहीं दिख रही है। ज्यादातर मतदाता भाजपा-कांग्रेस के बीच बंटे हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे मतदाताओं के अपने-अपने तर्क भी हैं। कुछ मतदाताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए अब हर जगह तेजी देखी जा रही है। भीषण गर्मी की प्रचंड दोपहरी में एसी के अंदर रहने वाले कई प्रत्याशी पसीना पोंछते हुए इन दिनों जन संपर्क कर रहे हैं। गर्मी की विभीषिका के चलते दोपहरी में उनके जन संपर्क कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ नहीं दिखती किंतु शाम के बाद से भीड़ ज्यादा नजर आने लगती है।