भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सागर जिले के ग्राम रैपुरा की घटना का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि आपकी सरकार में राजस्व मंत्री और स्थानीय विधायक गोविंद सिंह राजपूत के दबाव में जिला प्रशासन द्वारा अवैधानिक कार्रवाई की गई है। जिन ग्रामीणों के मकान तोड़े गए हैं, उन्हें यह मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत किए गए थे। इस हिसाब से देखा जाए, तो यह मकान अवैध/अतिक्रमण कैसे हो सकते है। यह सिर्फ राजनीतिक द्वेषभावनापूर्वक तोड़े गए हैं। इस घटना की जानकारी प्राप्त होते ही मेरे द्वारा रैपुरा ग्राम जाकर ग्रामीणों से चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि प्रशासन द्वारा पूर्व में कोई सूचना नहीं दी गई थी। धरने के दौरान कलेक्टर सागर द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया है कि जिन लोगों के मकान वन विभाग द्वारा तोड़े गए हैं, उन्हें मकान प्रदान न होने तक उनके रहने एवं खाने-पीने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। जिन लोगों के मकान वन विभाग द्वारा तोड़े गए हैं, उन्हें निवास हेतु आबादी भूमि में पट्टे दिए जाएंगे। ग्रामीणों ने रैपुरा ग्राम की भूमि सर्वे नं. 76/1, 76/2 एवं 78 को सरकारी आबादी भूमि घोषित कर उन्हें इस भूमि के पट्टे प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवास बनाने के लिए राशि प्रदान की जाए।
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जीएडी ने एक लाख पदों पर भर्ती को लेकर मांगी रिपोर्ट
nभोपाल। चुनावी साल में शिवराज सरकार को 15 अगस्त तक एक लाख पदों पर भर्ती का लक्ष्य पूरा करना है। इसके लिए अब करीब डेढ़ महीना बचा है। सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार अभी तक 65 हजार भर्तियां हो चुकी हैं। शेष पदों के लिए मप्र लोक सेवा आयोग और राज्य कर्मचारी चयन मंडल प्रक्रिया कर रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों से अब तक हुई भर्ती को लेकर रिपोर्ट मांगी है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अगले सप्ताह विभागवार रिक्त पदों पर भर्ती की समीक्षा की जाएगी। प्रदेश में राज्य और जिला संवर्ग के रिक्त पदों को चिह्नित करके भरने का काम चल रहा है। लोक सेवा आयोग साढ़े पांच हजार पद विज्ञापित कर चुका है। वहीं, कर्मचारी चयन मंडल को 90 हजार से अधिक पदों को भरने की जिम्मेदारी दी गई है।