वीरेंद्र सिंह सेंगर(बबली),रीवा/मऊगंज। साल भर जिले के शराब ठेकेदारो का दोहन करने वाले जिला आबकारी अधिकारी और उनके चहेते आबकारी उप निरीक्षक ने वर्ष 2024-25 के शराब दुकान नीलामी में शासन के पीठ पर चाकू घोंप दिया और संभाग से राजधानी तक बैठे अधिकारियों को भनक तक न लगी। जबकि समय-समय पर मीडिया जिला आबकारी अधिकारी और शराब ठेकेदारों की करतूतों को उजागर करती रही, उसके बाद भी आकाओं की आंख नहीं खुली। जिला आबकारी अधिकारी और उनके चहेते उप निरीक्षक ने शासन को लाख दो लाख का नहीं पूरे 39 करोड़ रूपये का चूना लगाया है। बताते चले कि शराब दुकानों में 15 प्रतिशत की वृद्धि कर टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई थी जिसमें शासन को उम्मीद थी कि रीवा मऊगंज जिले से 385 करोड़ रूपये का राजस्व लाभ होगा।
लेकिन यहां बैठे आबकारी विभाग के मठाधीशों ने ठेकेदारों से सांठगांठ कर ली और बताया कि अभी उतावाले मत हो अंत तक शासन को लगभग 25 से 30 पर्सेट से तक झुकना पड़ेगा और वहीं हुआ 12 शराब दुकानों के अंतिम नीलामी तारीख पर एक साथ ही 65 फार्म आये और ठेकेदारो ने दुकान हाथ से न जाने के भय से अधिक दर लगा कर दुकाने हासिल कर ली। बताते चले कि वर्ष 2023-24 में रीवा मऊगंज जिले की वार्षिक मूल्य 355 करोड़ रूपये थी। शासन को उम्मीद थी कि इस सत्र में 400 करोड़ पहुंच जायेगी जिसमें आबकारी अधिकारियों ने अपने लाभ के चलते पानी फेर दिया।
आला अधिकारियों की घुड़की में डलते थे एक्का-दुक्का फार्म
नये सत्र में जिला आबकारी अधिकारी के मंत्र का असर ठेकेदारों में शुरुआती दौर से ही देखने को मिलने लगा, न तो किसी ने लाईसेंस रिन्यूवल करवाया और न ही लॉटरी में भाग लिया। जिससे संभाग से लेकर राजधानी तक बैठे अधिकारी चिंतित हो गये और जिला आबकारी अधिकारी को घुड़की देने लगे, कभी कैंप में भगा देने के लिए कहते तो कभी आबकारी मुख्यालय ग्वालियर में। मजे की बात तो यह है कि आला अधिकारियों की घुड़की पर जिला आबकारी अधिकारी अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी न किसी ठेकेदार की बीच-बीच में आहुति देते गये और ठेकेदार उनके झांसे में आकर मंहगी दुकानों पर फार्म डाल कर इस उम्मीद पर लाईसेंस हासिल करते रहे साहब ने दुकानें सस्ती होने पर कोई न कोई समूह दिलवाने का वादा किया जो अंत में निभायेगे। मजे की बात यह है कि अंत तक 12 समूह बचे और ऐसे फार्म पड़े कि जो ठेकेदार आबकारी अधिकारी की कुर्सी के लिए आहुत हो गये थे टेंडर खुलने पर उनको ही बड़ा आघात पहुंचा।