रीवा। मीडिया सूत्रों के अनुसार बीते दो सालो से आबकारी विभाग में याराना निभाया जा रहा है। चर्चित जिला आबकारी अधिकारी ने जब से जिले की कमान संभाली है तब से कोई न कोई उनके कार्य सुर्खियां में ही रहते हैं। खास कर दुकानों की नीलामी में। जिले में शराब ठेकेदारों की कमी नहीं है, लेकिन विभागीय सूत्र बताते है कि उन ठेकेदारों को जिला आबकारी अधिकारी की कार्यप्रणाली और बढ़े हुए दुकानों के दाम हजम नहीं हो रहे, इस वजह से दुकानों की नीलामी प्रक्रिया से दूरी बना रहे है।
मीडिया सूत्रों की माने तो अधिकारियों के सामने अपनी शाख रखने के लिए बाहरी शराब ठेकेदारों को आबकारी अधिकारी आमंत्रण दे रहे है। सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को खुले टेंडर पर आबकारी अधिकारी के मित्र सुमित जायसवाल को बैकुंठपुर शराब दुकान का लाईसेंसी मिला है। बताया जाता है कि आबकारी अधिकारी के सिंगरौली कार्यकाल में सुमित जायसवाल से दोस्ती हुई थी। बैकुंठपुर शराब दुकान समूह चलाने वाले ठेकेदारों ने बताया कि दुकान घाटे की नहीं रही, लेकिन शासन से दर कम होने का रास्त देख रहे थे यह नहीं मालूम था कि जिला आबकारी अधिकारी अपनी शाख बचाने के लिए याराना निभा देंगे।
बताते चले कि गत वर्ष अमहिया शराब दुकान समूह पर आबकारी अधिकारी ने अपने कटनी कार्यकाल के दौरान वहां एक ठेकेदार से हुई दोस्ती का फायदा दिया और उसे बुलाकर टेंडर के माध्यम से अमहिया शराब दुकान की कमान सौंप दी। मजे की बात तो यह है कि अपने स्वार्थ को देखते हुए नईगढ़ी शराब दुकान समूह भी सजायाफ्ता गांजा तस्कर के बिगड़े मुखौटे को सौंप दी।
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शुक्रवार को खुले टेंडर में मऊगंज शराब दुकान समूह पर सोम कंपनी ने अपना कब्जा जमा लिया। इसी प्रकार समान नाका समूह पर पूर्व ठेकेदार बद्री विशाल उर्फ सुनील सिंह परिहार फिर से लाईसेंसी बन गये। इसी प्रकार बैकुंठपुर शराब दुकान समूह पर अंबिकापुर निवासी लक्ष्मी जायसवाल ने टेंडर डाल कर हासिल किया। बताते चले कि अभी जिले की 14 शराब दुकान समूह नीलामी के लिए शेष है, जिनकी 31 मार्च तक प्रतिदिन नीलामी प्रक्रिया खुली रहेगी।