रीवा। शहर में विकास का कार्य करने आई कंपनी गरीब मजदूरों को चूना लगा गई, इस विकास के कार्य से निगम के जिम्मेदार अधिकारी तो मालामाल हुए लेकिन इस कंपनी के कार्य से जनता को परेशानी व गरीब परिवारों पर आर्थिक संकट जरूर आ गया, हालांकि हम किस कंपनी की बात कर रहे है यह आप शुरुआत में ही समझ गए होंगे को क्योंकि आप भी इस कंपनी के मनमानी कार्य और इस कंपनी को नगर निगम अधिकारियों द्वारा दिए गए संरक्षण से परेशान थे। इस कंपनी का नाम केके स्पन है, जो कि शहर में सीवरेज प्रोजेक्ट का काम कर रही थी। हालांकि इस कंपनी पर हो रही निगम के वरिष्ठ इंजीनियर की मेहरबानी व कंपनी की मनमानी को रोक निगमायुक्त मृणाल मीना ने इस कंपनी को प्रोजेक्ट से टर्मिनेट कर दिया है और ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। इस कार्यवाही से जनता को तो राहत मिली लेकिन इस कंपनी में काम कर रहे वर्कर अब भटक रहे है। कमा खतम होने के बाद कंपनी के अधीन मजदूर लगाने वाले ठेकेदारों का पैसा लेकर कंपनी गायब है। करीब 13 लाख रुपए गरीब मजदूरों को कंपनी के पास अटका हुआ है। जिसकी मंाग वह लंबे समय से कर रहे है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
विवि थाने में की शिकायत—–
बता दे कि कंपनी के मजदूरों व ठेकेदारों ने सोमवार को विवि थाना में इस संबंध में शिकायत की है। बताया है कि सीवरेज प्रोजेक्ट पर काम कर रही केके स्पन कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है, कर्मचारियों का वेतन व वेंडर भुगतान अभी बकाया है। ठेेका निरस्त होने के बाद कंपनी ने कहा था कि वह भुगतान के बाद ही मशीने ले जाएगी लेकिन अब कंपनी द्वारा स्थानीय ठेकेदारों को मशीने दी जा रही है और रुपयों का भुगतान नहीं किया गया। आवेदन में बताया गया कि ठेकेदार गुड्डा मिश्रा द्वारा मशीने ले जाई जा रही है व गार्ड को धमकाया जाता है।
विपक्ष ने किया था विरोध—
बता देकि जब केके स्पन कंपनी को सीवरेज प्रोजेक्ट का कार्य दिया गया तो पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय मिश्रा सहित कांग्रेसी पार्षदों ने इसका विरोध किया था लेकिन कंपनी को टेंडर दे दिया गया। जब कंपनी ने काम शुरु किया तो अमानक काम होने पर भी विपक्ष पार्षद विरोध करते रहे लेकिन निगम के वरिष्ठ इंजीनियर सहित अधिनस्थ अधिकारी कंपनी को सह देकर अमानक काम कराते रहे, जिसका परिणाम ही रहा कि जनता को परेशान होना पड़ा। पांच वर्षो तक कंपनी जो काम भी किया वह ऐसा है कि उसमें निगम और शासन के रुपए डूबे ही है। अधिकारियों के संरक्षण से जनता का पैसा पानी की तरह बहाया गया, आखिर में नेता प्रतिपक्ष अजय मिश्रा की बात सही हुई और कंपनी को टर्मिनेट कर दिया गया।
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