रीवा। चुनावी ड्यूटी से तबियत खराब का बहाना लगाकर बचने वाले मरीजों के लिए अब अस्पताल प्रबंधन ने नई व्यवस्था की है, अब ऐसे शासकीय सेवकों को अवकाश कुछ शर्तो व नियमों को पूरा करने पर ही मिलेगा। इस खबर में हम बताने जा रहे है आपको कि किस प्रकार से ऐसे कर्मचारियों पर लगाम लगाने स्वास्थ्य विभाग ने व्यवस्था बनाई है। हालांकि ऐसे शासकीय सेवक जो असल में अवकाश के लायक है उनको अवकाश मिलेगा लेकिन इसके लिए उनको आवश्यक दस्तावेज देने होंगे। एसजीएमएच अधीक्षक डॉ.शशिधर गर्ग ने सख्ती की है, उन्होंने इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए है। जिसके पालन पर ही अस्वस्थता प्रमाण पत्र शासकीय सेवकों को जारी किया जाएगा। जारी आदेश में कहा गया है कि विगम चुनावों में यह संज्ञान में आया है कि चुनाव ड्यूटी से संलग्र शासकीय सेवक द्वारा अपर्याप्त कारणों से ड्यूटी से बचने के लिए अस्वस्थता प्रमाण पत्र जारी करने हेतु अस्पताल में संपर्क किया जाता है, इसलिए आकास्मिक चिकित्सा विभाग में आकस्मिक स्वास्थ्य कारणों से ईलाज हेतु आने वाले मरीजों हेतु ही चिकित्सा व्यवस्था निर्धारित है, शेष हेतु ओपीडी में व्यवस्था है। अधिकतम 5 दिन हेतु अस्वस्थता प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। इससे अधिक समय कि अस्वस्थता के लिए संबंधित विभाग के विशेषज्ञ/परामर्शदात्री चिकित्सक के द्वारा दी गई सलाह पर ततसंबंरी प्रमाण पत्र पर उनके प्रतिहस्ताक्षर अनिवार्य होंगे। भर्ती के दौरान पश्चात, उपचाररत मरीजो को 1 सप्ताह से अधिक विश्राम की अवश्यकता होने पर संबंधित विभाग को कम से कम 2 विशेषज्ञ परामर्शदात्री चिकित्सकों द्वारा अस्वस्थता प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। प्रमाण पत्र जारी करने में नेशनल मेडिकल कमीशन एवं मप्र शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए समस्त दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
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