रीवा। विंध्य क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में डॉक्टरों की मनमानी के मामले सामने आते ही रहते है जिसको लेकर कई दफा विरोध प्रदर्शन भी हुए लेकिन इन्ही डॉक्टरों के बीच कुछ ऐसे भी डॉक्टर है जो मरीजो के दर्द और उनकी आर्थिक स्थिति को देख उनका इलाज कर रहे है। उनका उद्देश्य मरीज का उपचार मात्र है ना कि उनका आर्थिक शोषण, इसी प्रकार का एक मामला संजय गांधी में हाल ही में सामने आया है जिसमे मरीज का दर्द समझ संजय गांधी अस्पताल के डॉक्टर ने अस्पताल में व्यवस्था न होते हुए भी प्रबंधन से गुहार लगाकर मरीज का ऑपरेशन करने व्यवस्था कराई। तो इस खबर में हम आपको उसी डॉक्टर के बारे और उनके सफल ऑपरेशन के बारे में बताने जा रहे है। यह डॉक्टर संजय गांधी के आर्थोपेडिक सर्जन डॉ राहुल कुंदेर है जिनके द्वारा यह सफल ऑपरेशन किया गया। बता दे कि यह ऑपरेशन संजय गांधी अस्पताल के इतिहास में इस प्रकार का पहला सफल ऑपरेशन है। बता दे कि मरीज शांति साकेत उम्र 43 वर्ष निवासी ग्राम डांडी नईगढ़ी पिछले कई वर्षों से घुटने के आर्थराइटिस से पीडि़त थी। दर्द की वजह से चल फिर भी नहीं सकती थी। उनके द्वारा बाहरी जगहो पर अपना उपचार कराया गया लेकिन आराम नही। इतना ही नही मरीज ने इस संबंध में ऑपरेशन भी कराया लेकिन उसे आराम नही मिला। जिसके बाद उसे किसी ने संजय गांधी में उपचार की सलाह दी और वह आर्थोपेडिक सर्जन डॉ राहुल कुंदेर के पास ओपीडी में पहुंची डॉक्टर ने मरीज का परीक्षण किया और ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया। लेकिन संजय गांधी अस्पताल में मॉड्यूलर ओटी नही होने से ऑपरेशन करना मुश्किल था। जिसके बाद डॉक्टर ने इस संबंध में डीन डॉ मनोज इंदुलकर और अधीक्षक डॉ शशिधर गर्ग से बात की तो उन्होंने भी ऑपरेशन की तैयारी के निर्देश दिए और सुपर स्पेशिलिटी में मॉड्यूलर ओटी में ऑपरेशन करने व्यवस्था बनाई जिसके बाद सुपर स्पेशलिटी की माड्यूलर ऑपरेशन थिएटर में आर्थोपेडिक सर्जन डॉ राहुल कुंदर और डॉ निदेश कुमार, निश्चेतना विभाग से डॉ आलोक सिंह, डॉ रवि प्रकाश सिंह द्वारा यह सफल ऑपरेशन किया गया। यह घुटना प्रत्यारोपण आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क किया गया। मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ्य है और चलना भी प्रारंभ कर दिया है। डॉ राहुल कुंदर और डॉ दिनेश कुमार ने यह जटिल आपरेशन 2 घंटे में पूरा किया। इससे अब मरीजों को घुटने बदलवाने के लिए बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा। इस ऑपरेशन सफलता में एचओडी आर्थोपेडिक डॉ पीके लखटकिया, डीन डॉ मनोज इंदूलकर और अधीक्षक डॉ एसपी गर्ग का सहयोग भी सराहनीय रहा।
आर्थोपेडिक सर्जन डॉ राहुल कुंदेर
डॉ निदेश कुमार