रीवा। कोरोना कॉल के बाद इस वर्ष 2021 में शादी-विवाह सहित अन्य कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित किए गए। कोरोना को भूला धूमधाम से लोगो ने शहनाई अपने घर में बजवाई। अमीर सहित मध्यम वर्गीय परिवार ने अपनी व्यवस्थाएं जस-तस कर ली लेकिन गरीब परिवार अब भी मुख्यमंत्री की योजना के भरोसे ही बैठे है। गरीब परिवारों में विवाह के लिए शासन की मुख्य मंत्री कन्या विवाह योजना बड़ा सहारा है, लेकिन इस वर्ष इसका लक्ष्य निगम प्रशासन को जारी नहीं किया गया। ऐसे में इस योजना के भरोसे इस वर्ष विवाह का सपना देखने वाले हितग्राही निगम कार्यालय में चक्कर काट रहे है। योजना का लक्ष्य नहीं आया इसलिए अधिकारी इस योजना के तहत आने वाले आवेदनों को जमा भी नहीं कर रहे है। उनका कहना है कि जब लक्ष्य आएगा तभी फार्म लिए जाएंगे। गरीबों को उनकी बेटी के विवाह का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। निगम प्रशासन ने भी इस ओर कोई प्रयास नहीं किया है। सरकार के फरमान का इंतजार करते अधिकारी बैठे हुए है। कोई मार्गदर्शन भी इस संबंध में शासन से नहीं मांगा जा रहा है। रोजाना ही हितग्राही निगम कार्यालय में इसकी जानकारी लेने पहुंच रहे है। गुरुवार को लालमणि कोल विवाह योजना के लिए आवेदन करने निगम कार्यालय पहुंचे पहले तो उन्हें जोन 4 कार्यालय जाने के लिए अफसरों ने बोल दिया लेकिन बाद में उन्हें जानकारी दी गई कि इस वर्ष कोई लक्ष्य योजना के तहत निगम को नहीं मिला है इसलिए फार्म नहीं जमा किया जा सकता है। लालमणि कोल ने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते मजदूरी भी ठीक से नहीं मिली जिससे आर्थिक तंगी है। ऐसे में बेटी का विवाह करना और मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों की माने तो शहरी क्षेत्र में हर वर्ष मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरु होने के बाद से शासन द्वारा 40-50 कन्याओं के विवाह का लक्ष्य मिलता था। आवेदन सैकड़ो में आते है लेकिन इन्हीं में से ज्यादा जरूरत मंद की पहचान कर उनकों योजना का लाभ दिया जाता है। सैकड़ो लोग अब तक इसके लिए संपर्क कर चुके है लेकिन लक्ष्य नहीं आने से फार्म नहीं लिया जा रहा है। योजना के तहत 50-52 हजार रुपए की राशि योजना के तहत एक परिवार को दी जाती है।
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