रीवा। इन दिनों पीएम नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे पर हुई रुकावट ने भाजपा-कांग्रेस को आमने सामने कर दिया है, आलम यह है कि कोविड जैसी महामारी की तीसरी लहर के बीच इससे ज्यादा इस दौरे की चर्चा है। देश की दोनों ही बड़ी पार्टियां मानो जैसे कोविड महामारी को भूल ही गई है, जबकि कोरोना के मामले जहां एक ओर बढ़ रहे हैं वही अब तो मौत के आंकड़े भी बढ़ने लगे हैं। इसी बीच रीवा में भाजपाइयों ने पीएम दौरे को लेकर विरोध जताया तो वही कांग्रेसियों ने इस विरोध पर सवाल खड़ा किया। हालांकि देशभर में इन दिनों ऐसा ही माहौल निर्मित है जिसमे कोरोना को भूल पीएम दौरे की बात की जा रही है। बता दें कि देश के प्रधानमंत्री के दौरे के स्थगित होने व सुरक्षा में हुई चूक को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। पंजाब के कांग्रेस सरकार पर इसका पूरा ठीकरा फूटा। जगह-जगह भाजपाईयों ने पंजाब सरकार का विरोध प्रदर्शन किया। रीवा में भी भाजपाईयों ने शुक्रवार को कलेट्रेट भवन में पहुंच कर राजपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। उस वक्त कलेक्टर अपने कार्यालय में मौजूद रहे, जो बाहर निकल कर भाजपाईयों के हाथ से ज्ञापन ले लिया। कलेक्टर द्वारा भाजपाईयो से ज्ञापन लिये जाने की तस्वीर वायरल हुई तो रीवा में कांग्रेसियों ने विरोध शुरू कर दिया। इतना ही नही कलेक्टर को पत्र लिख कांग्रेस शहर अध्यक्ष ने विरोध भी जताया, कलेक्टर के नाम पत्र लिख कर उनको नसीहत देते हुए कहा कि उनके द्वारा एक तरफ़ा व्यवहार किया जा रहा है, कोविड के बीच नियमो का पालन नही किया है, बिना दूरी का प्रयोग करते हुए धरना प्रदर्शन किया है, मास्क तक नही उपयोग में लाया जा रहा, वही कांग्रेस कोई विरोध करे तो गेट बंद कर दिया जाता है। वही दिनों से चल रहे इस मामले को लेके हो रही राजनीति पर अब जनता के बोल भी फूट पड़े हैं, लोंगो के बीच चर्चाएं हैं कि वजह जो भी रही हो यह जांच का मामला है जब जांचे बैठ चुकी है तो आप परिणाम का इंतजार किया जाना चाहिए, उसके बाद जो दोसी है उस पर कार्यवाही, फिर कार्यवाही न हो तो इस प्रकार के प्रदर्शन जायज है लेकिन इस महामारी के बीच देश की जनता को सुरक्षित करने की वजाए दोनो बड़ी पार्टियां आमने-सामने हैं, जिससे इस महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है।
00000000000