वीरेन्द्र सिंह सेंगर (बबली)रीवा। एसपी नवनीत भसीन ने जिले की कमान संभालते ही इस बात का अवलोकन किया कि जिले में सटोरियों ने अपना जाल बिछा रखा है। सट्टे का खेल बंद कर थाना प्रभारियों का निर्देश दिये थे, लेकिन चंद पैसे की लालच में थाना प्रभारी रीवा की जनता को लुटने सट्टा माफिया के हवाले छोड़ दिया था। एसपी की आंख में पर्दा डाल कर बखूबी सट्टे का कारोबार फल-फूल रहा था। थाना प्रभारियों को एक मुश्त राशि जाने के साथ ही पुलिसकर्मी और चंद रुपयों में बिकने वाले तथा कथित पत्रकार भी सटोरियों से चढ़ावा लेते रहे। पांसा तो उस वक्त पलटा जब चोरहटा का सटोरिया तुलसी कोल लोकायुक्त की मदद से एक आरक्षक को रंगेहाथ पकड़ा दिया। जिसमें थाना प्रभारी से लेकर कई पुलिस कर्मियों के नाम सामने आये। एक सटोरिया के माध्यम से खाकी में दाग लगने पर एसपी स त हो गये और थाना प्रभारियों को स त निर्देश दे डाला कि थाना में रहना होगा तो सट्टा नहीं होगा अन्यथा पुलिस लाइन में बैठा दिया जायेगा। एसपी की स ती देख शहर के थाना प्रभारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में सट्टे का कारोबार बंद करवा दिये। अब मजे की बात यह है कि थाना प्रभारियों के संरक्षण में पलने वाले सटोरियों पुलिस के साथ ही आंख मिचौली खेलने लगे। पैसा देना तो बंद कर दिया लेकिन सट्टा खिलवाना बंद नहीं किया। अब पुलिस गली-गली घूम कर सटोरियों को पकड़ रही है। मजे की बात तो यह है कि अमहिया थाने की पुलिस सटोरियों को तो संरक्षण कभी नहीं दी उसके बावजूद भी अमहिया थाना क्षेत्र की गलियों में सट्टा पर्ची काटते हुये पकड़े जा रहे हैं। एसपी की पहली हिदायत में थाना प्रभारी अपने क्षेत्र का सट्टा बंद करवा दिये थे, लेकिन दूसरे थाना क्षेत्रों में चल रहे सट्टे का कारोबार देख सटोरिया दीपू श्रीवास्तव को फिर से छूट दे दी थी। दीपू श्रीवास्तव, बजरंग जायसवाल और राजेश विश्वकर्मा ने अपनी दुकानें फिर खोल ली। चोरहटा कांड के बाद एसपी द्वारा की गई स ती पर थाना प्रभारी हरकत में आये और सट्टा बाजार बंद करवाते हुये बजरंग जायसवाल तथा राजेश विश्वकर्मा को नगदी सहित सट्टा पर्ची के साथ गिर तार कर अपराध पंजीबद्ध कर लिया। कोतवाली पुलिस समान, बिछिया और अमहिया थाना से दो कदम आगे कार्रवाई की। सट्टा किंग के साथ उसके शार्गिद को भी गिर तार कर लिया।सट्टा किंग से कोतवाली पुलिस ने दांव में लगाये गये 23 सौ रुपये बरामद किये। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में प्रतिदिन कितने का सट्टा लगाया जाता है। बताया गया कि एसपी और कोतवाल की स ती के बाद सट्टा किंग समीम अंसारी उर्फ गोली पिता मोविन 38 वर्ष निवासी चिकान टोला अपने शार्गिद मोसिन अंसारी पिता मजीद अंसारी 28 वर्ष निवासी चिकान टोला के साथ मिलकर सट्टे की चलती-फिरती दुकान चला रखा था। इस बात की जानकारी लगते ही कोतवाल ने सट्टा किंग सहित उसके शार्गिद को धर दबोचा। दोनो के विरुद्ध कार्रवाई करते हुये ऐसी समझाईश दी कि अब दुबारा सट्टा खिलाने के लिए सोचना पड़ेगा। इसी प्रकार कोतवाली पुलिस ने कुछ दिन पहले कबाड़ी मोहल्ले से अजय लोनिया को सट्टा खिलाते हुये पकड़ कर सबक सिखाया था। ऐसा नही कि नहीं सिविल लाइन थाना क्षेत्र सटोरियों के अछूता हो। एक से बढ़कर एक सटोरिया सिविल लाइन थाना क्षेत्र में है। आशीष लोनिया और उसकी मां बेबी लोनिया का सट्टा अड्डा सुर्खियों पर रहता है। वर्तमान थाना प्रभारी के पहले सिविल लाइन थाना की कमान संभालने वाले अधिकांश टीआई और पुलिस कर्मियों का हमेशा ही संरक्षण रहा है। वर्तमान थाना प्रभारी को इस बात का आभास है कि बेबी लोनिया और अशीष लोनिया का सट्टे का कारोबार चल रहा है। लेकिन चाह कर भी उसे रोक नहीं पा रहे है, बताया जाता है कि अशीष लोनिया का भाई अजय लोनिया और उसके गुर्गे नदी के किनारे अपनी दुकान चला रहे है, जैसे ही पुलिस पहुंची है सटोरिये नदी में छलांग लगा देते है और पुलिस वहां से बैरंग ही लौट आती है।
बिछिया थाना क्षेत्र में अपनी बादशाहत कायम रखने वाला सट्टा किंग दिलीप सिंधी को भले ही तड़ीपार कर दिया गया हो लेकिन उसका कारोबार आज भी चल रहा है फर्क यह है कि अब उसका कारोबार हाईटैक हो चुका है। ऐसा नहीं है कि इस बात की जानकारी थाना प्रभारी को नहीं है लेकिन अपने ही पाले हुये सट्टा किंग के कारनामों के आगे बेबस है। एसपी श्री भसीन ने थाना प्रभारी पर दबाव बनाते हुये सट्टा किंग दिलीप सिंधी के जिला बदर का प्रस्ताव बनवा कर मंगवाया था। जिस पर कलेक्टर ने सुनवाई के बाद जिला बदर का आदेश कर दिया। जिला बदर होने के बाद भी दिलीप सिंधी का कारोबार उसके गुर्गे मोबाइल के माध्यम से संभाल लिये है और वह जिले बाहर बैठ कर अपने कारोबार को चला रहा है।
00000000000000000000000