रीवा। दूसरों को कंधे से कंधा मिलाकर चलने की नसीहत देने वाले स्वास्थ्य कर्मी अपने ही साथी के साथ दुव्र्यव्हार कर रहे हैं। रविवार को सामने आए ऐसे ही मामले ने देखने वालो के रोंगटे खड़े कर दिए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी अपने ही विभाग के कर्मचारियों के साथ बेगानों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। अपने ही साथी के कोरोना पॉजिटिव आने की रिपोर्ट के बाद उसे व उसके बुजुर्ग पिता को छोड़कर स्वास्थ्यकर्मी भाग खड़े हुए। आलम यह था कि उसे हाथ लगाने वाला तक कोई सामने नहीं आया। बता दें कि रविवार सुबह जिला अस्पताल में पदस्थ डे्रसर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसकी सूचना जैसे ही अस्पताल में हुई तो लोग उससे किनारा काटने लगे। डे्रसर के पिता बीमारी के चलते जिला अस्पताल में ही एडमिट थे व उनका उपचार चल रहा था। लेकिन जैसे ही उसके पॉजिटिव होने की सूचना स्वास्थ्यकर्मियों को मिली तो सभी उससे दूरी बनाने लगे। हद तो तब हो गई जब 62 वर्षीय इस कर्मचारी को एम्बुलेंस घर छोडऩे जा रही थी तो उसके पिता को भी घर ले जाया जाने लगा। उस वक्त उसके 95 वर्षीय बुजुर्ग पिता को एम्बुलेंस में बैठाने के लिए तक किसी कर्मचारी ने सहयोग नहीं किया। 62 वर्षीय इस कर्मचारी ने अकेले ही किसी तरह अपने पिता को एम्बुलेंस में बैठाया। चूंकि उसके परिवार में उसकी पत्नी व पिता के अलावा कोई नहीं था, इसलिए उसने होम आइसोलेशन का निर्णय लिया था। बता दें कि पुष्पराज नगर निवासी डे्रसर के साथ और भी भेदभाव किया गया। जब उसे व उसके बीमार पिता को छोडऩे एम्बुलेंस गई तो उसे आधे रास्ते में ही छोड़कर वापस लौट आई, जबकि उस समय बारिश हो रही थी। कर्मचारियों ने दूसरे जगह जाने का बहाना व रास्ते में एम्बुलेंस न घुसने की बात कहते हुए उसे बारिश के बीच भींगते ही छोड़ दिया। इसके बाद दोनों जैसे-तैसे घर पहुंचे। डे्रसर ने बताया कि उसने कहा था कि उसे छोटी एम्बुलेंस से छोड़ा जाए, लेकिन बात नहीं मानी गई और बड़ी एम्बुलेंस भेज दी गई, जो बीच बारिश उन्हें छोड़कर वापस चली गई। उक्त कोरोना पॉजिटिव डे्रसर को छोड़कर जाने वाले स्वास्थ्यकर्मी उसे जल्द ही दवा देने के लिए वापस आने की बात कहकर गए, लेकिन देर शाम तक वापस नहीं लौटे। उसने अपने अधिकारियों को फोन लगाया तो उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने की बात कहकर फोन काट दिया। हालांकि बाद में सिविल सर्जन डॉ. केपी गुप्ता को जानकारी दी गई तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए दवा कर्मचारी के घर पहुंचवाई। डे्रसर की मानें तो कुछ दिन पूर्व जिला अस्पताल में कुछ घायल युवक आए थे, जिनके शरीर से खून बह रहा था। उनकी डे्रसिंग उसके द्वारा की गई थी। उसके दूसरे ही दिन से उसका स्वास्थ्य खराब लग रहा था, जिसके बाद उसने जांच कराई तो वह पॉजिटिव मिला। बताया कि उसके घर में बुजुर्ग पिता व पत्नी हैं। उसने आग्रह किया था कि उसकी नाइट ड्यूटी न लगाई जाए, लेकिन लगा दी गई। अस्पताल में मास्क व सेनेटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था न होने से वह संक्रमण की चपेट में आ गया।
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