रीवा। जिले के आशीष मिश्रा ने निजी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में काम करने के बाद स्वरोजगार तथा जैविक खेती को अपनाया। उन्होंने सेमरिया में गो फार्म नाम से किसान संगठन बनाया। इससे 500 से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। यह संगठन जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है। साथ ही बसामन मामा गो अभ्यारण्य से प्राप्त गोबर से गोकाष्ट, गोनाइल एवं गोबर की खाद बनाकर स्थानीय बाजार में बेचकर लाभ कमा रहे हैं। आशीष मिश्रा ने इन 500 किसानों को राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना से जोड़ा है। आशीष कड़कनाथ मुर्गे की हैचरी की यूनिट स्थापित कर रहे हैं। इससे तैयार चूजे इन किसानों को दिए जाएंगे। अपने व्यवसाय के संबंध में आशीष ने बताया कि मेरा किसानों का संगठन नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित है। खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आय के लिए मैंने राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना के तहत सेमरिया में कड़कनाथ मुर्गे की हैचरी की यूनिट के लिए आवेदन किया था। मुझे उप संचालक पशुपालन डॉ.राजेश मिश्रा ने कड़कनाथ मुर्गे पालन के संबंध में तकनीकी जानकारी दी। स्टेट बैंक सेमरिया से मुझे 39 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत हो गया है तथा राशि मुझे प्राप्त हो गई है। हैचरी की यूनिट कुल 56 लाख रुपए की है जिसमें पशुपालन विभाग द्वारा 17 लाख रुपए का अनुदान शामिल है। कड़कनाथ मुर्गे को मध्यप्रदेश का जीआई टैग प्राप्त है। इसका मांस बहुत पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। सामान्य मुर्गे की तुलना में लगभग डेढ़ से दोगुने दाम पर इसकी बिक्री होती है। हैचरी विकसित होते ही मेरे संगठन से जुड़े किसानों को कड़कनाथ मुर्गे पालन की इकाईयां दी जाएंगी। लगभग एक वर्ष में किसानों को अच्छा लाभ मिलने लगेगा। इससे 500 से अधिक किसानों का भाग्य बदल जाएगा। कड़कनाथ मुर्गे पालन तथा जैविक खेती से अन्य किसानों को भी जोडऩे के प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में संचालन डॉ अरुणेंद्र शुक्ला द्वारा किया गया, उनके द्वारा भी युवाओं को आगे बढ़ाने विशेष योगदान दिया जा रहा है।
बकरी पालन से कर रहे हैं सीताराम
जिले के त्योंथर विकासखण्ड के निवासी अनुसूचित जाति के किसान सीताराम के मन में वर्षों से बकरी पालन की इच्छा थी। संसाधनों की कमी तथा पर्याप्त राशि न होने के कारण उनकी बकरी पालन के सपने पूरे नहीं हो पा रहे थे। पशुपालन विभाग की पशुधन विकास योजना से सीताराम के बकरी पालन के सपने पूरे हुए। सीताराम ने बकरी पालन इकाई के लिए पशुपालन विभाग से संपर्क किया। उन्हें प्रशिक्षण देकर पशुधन विकास योजना से ऋण प्रकरण तैयार कराया गया। सीताराम को पंजाब नेशनल बैंक त्योंथर से 39 हजार रुपए का ऋण मंजूर हुआ। साथ ही उन्हें अनुदान का भी लाभ मिला। सीताराम ने अच्छी किस्म की बकरियां खरीदकर अपना व्यवसाय शुरू किया। बकरी पालन से अब उन्हें नियमित आमदनी प्राप्त हो रही है। बैंक को ऋण राशि अदा करने के साथ उन्हें हर माह अतिरिक्त आय प्राप्त हो जाती है। ऋण योजना का लाभ लेने के लिए सीताराम ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त किया है।
बेकरी मैनुफैकचरिंग इकाई स्थापित कर रहे हैं पार्थ:-
युवा दिवस के अवसर पर आयोजित स्वरोजगार रोजगार दिवस के आयोजन कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा के युवा उद्यमी पार्थ पाण्डेय से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने पार्थ को उनके नवीन उद्यम के लिये शुभकामनाएं दी तथा उद्यम स्थापना के चयन, लोन प्राप्त करने के प्रयासों तथा अधिकारियों एवं बैंक के सहयोग के बारे में पूंछतांछ की। पार्थ पाण्डेय इससे पूर्व अरब देश में ख्याति प्राप्त कंपनी में कार्य कर रहे थे। उनके मन में इच्छा हुई कि उनका स्वयं का रोजगार हो और वह उसमें अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकें। पार्थ ने बेकरी मैनुफैकचरिंग इकाई स्थापना के लिये केनरा बैंक से 20 लाख रूपये का ऋण लिया है। इस इकाई में वह बेकरी सामान के साथ फ्लावर्स व गिफ्ट आइटम भी विक्री हेतु रखेंगे। पार्थ बताते हैं कि इस इकाई में प्रत्यक्ष रूप से 15 से 16 लोगों को रोजगार मिलेगा जबकि अप्रत्यक्ष रूप से 4 से 5 अन्य लोग भी रोजगार पा सकेंगे। पार्थ ने बताया कि वह प्रदेश के मुख्यमंत्री से बात कर बहुत खुश हैं। उनका उत्साह मुख्यमंत्री से बात कर और भी बढ़ा है। वह शीघ्र ही अपनी इकाई प्रारंभ कर सकेंगे। पार्थ ने युवाओं को संदेश दिया कि रोजगार के अवसरों का लाभ उठायें तथा स्वरोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बनें।
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