सीधी। जिले के चर्चित पेशाब कांड में मप्र के मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रवेश शुक्ला के पुस्तैनी मकान को बिना किसी कारण एवं जांच के श्रावण मास में गिरा दियाए जिसके कारण प्रवेश शुक्ला के माता-पिता एवं परिवार जन त्रासदी के दौर से गुजर रहे हैं। प्रवेश शुक्ला के परिजनों से अधिवक्ताओं के साथ मुलाकात में उनके द्वारा व्यक्त किया गया कि कुछ अवसरवादी नेताओं की साजिश के कारण इतनी पुरानी अप्रमाणिक घटना का वीडियो किन परिस्थितियों में किसके द्वारा बनाया गयाए उसे किस उद्देश्य से किसके द्वारा वायरल कर दिया गया और उसी को आधार मानकर बिना किसी जांच के मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन ने परिजनों के साथ अव्यवहारिक आचरण अपना कर पुस्तैनी मकान को गिरा दिया गया। जिसमें कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी मकान गिराने के लिए प्रतिष्ठा बना लिया। पेशाब कांड के वीडियो को वायरल करने एवं दसमत रावत के विभिन्न विरोधाभासी बयानों के बाद जो परिस्थितियां निर्मित की गई निश्चय ही एक गंभीर साजिश का परिणाम हो सकता है और उक्त साजिश का पर्दाफाश करने एवं तह तक जाने के लिए परिजनों ने सीबीआई जांच की मांग पर पहल करने का आग्रह किया।
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अधिवक्ताओं का प्रतिनिधि मंडल जब मौके की स्थिति का अवलोकन किया तो ज्ञात हुआ कि जो मकान गिराने का वीडियो दिखाया जा रहा है उससे कहीं बहुत ज्यादा मकान गिरा दिया गया इतना ही नहीं मंदिर का छज्जा एवं तुलसी के चबूतरे को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि मंडल ने महसूस किया कि प्रवेश शुक्ला का परिवार बहुत सदमे में हैं। परिजनों का कहना है कि हमारा क्या अपराध था। एक-एक रुपए को जोड़कर उम्र के अंतिम पड़ाव में मकान बनवाया जिसें इस बरसात में गिरा दिया गया। परिजनों ने यह भी व्यक्त किया कि उनकी अब ऐसी हैसियत नहीं है कि मकान का फिर निर्माण करा सकें। प्रवेश शुक्ला के परिजनों ने इस बात का संतोष व्यक्त किया कि सीधी जिले के ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य समाज के बहुसंख्यक समाज सेवियों ने इस विपदा की घड़ी में उनके साथ खड़े हैं इसी कारण से हम लोग आज इस रुप में है अन्यथा जिस तरह से बर्ताव, भय, क्षति पहुंचाई गई टूट गया होता।
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प्रवेश शुक्ला के परिजनों ने इस बात का दुख व्यक्त किया कि जिले के सभी दलों के जनप्रतिनिधियों एवं नेताओं ने इस भीषण त्रासदी में हर तरह की क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जिसके कारण ही पुस्तैनी भूमि पर निर्मित मकान को गिरा दिया गया। इतना ही नहीं मंदिर एवं तुलसी चौरे को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया लेकिन इन सब के बाद भी जिले का कोई जनप्रतिनिधि या नेता संवेदना का दो शब्द सहानूभूति में नहीं बोला। प्रवेश शुक्ला के परिजनों ने आह्वान किया कि पेशाब कांड के वीडियो वायरल करने एवं बाद के घटनाक्रम की निष्पक्ष सीबीआई जांच कराई जाए। मकान को तोडऩे के जिम्मेदार, दोषियों को सजा दी जाय जिससे कभी इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि मंडल में पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता संघ मुनीन्द्र द्विवेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता, समाज सेवी उदय कमल मिश्र, वरिष्ठ अधिवक्तागण रामराज सिंह चंदेल, आदित्य प्रसाद शुक्ल, धर्मोत्तम पाण्डेय, अनिल द्विवेदी, जीवेन्द्र द्विवेदी, घनश्याम दिक्षित व अन्य मौजूद थे।