सतना। पूरे देश में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है, इस तीसरी लहर का बड़ा कारण कोरोना के नए वैरीएंट ओमिक्रॉन को माना जा रहा है, प्रदेश में भी इसकी इंट्री तो काफी दिनों पूर्व ही हो चुकी थी लेकिन हाल ही में आई दिल्ली की रिपोर्ट से एक बड़ा खुलासा हुआ है। सतना में भी ओमिक्रॉन की इंट्री हो चुकी है। ओमिक्रॉन का पहला मरीज रामपुर बघेलान के मेडिकल ऑफिसर मिले कोरोना पॉजिटिव थे। इस वैरीएंट ने भी अपनी गिरफ्त में लोगो को ले लिया है, कई जिले इससे प्रभावित है। कोरोना मरीजों के मिलने के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग के मन में ओमिक्रॉन का डर समा हुआ था, बीच में आई रिपोर्ट में तो ओमिक्रॉन नहीं मिला लेकिन हाल ही में मिली रिपोर्ट में ओमिक्रॉन वैरीएंट की इंट्री जिले में पाई गई। रिपोर्ट 25 दिन बाद पहुंची जिसमें इस मरीज में ओमिक्रॉन वैरीएंट की पुष्टि मिली है। हालांकि अब मरीज स्वस्थ्य हो चुका है, दोबारा हुए रिपीट टेस्ट में ही मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। जिले में ओमिक्रॉन वैरीएंट की इंट्री के बाद माना जा रहा है अब बढ़ रहे मरीजों में भी ओमिक्रॉन वैरीएंट के मरीज काफी होंगे और इसलिए शायद इतनी तेजी से कोरोना का ग्राफ अन्य जिलो की अपेक्षा बढ़ता जा रहा है।
बता दे कि अभी तक स्वास्थ्य विभाग को मिली जीनोम सिक्वेसिंग की रिपोर्ट में कोरोना की तीसरी लहर में दो वैरीएंट का असर जिले में पाया गया है। ओमिक्रॉन के अलावा डेल्टा वैरीएंट के मरीज भी मिल रहे हैं। पूर्व में दिल्ली से आई खबर ने लोगो को राहत दी थी लेकिन इस खबर के बाद अब हड़कंप मचा हुआ है। अब मिल रहे मरीजो में कौन सा वैरीएंट है इस बात की पुष्टि के लिए भी सेंपल भेजे जा रहे है जिनकी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ क्लीयर हो पाएगा। बता दे कि दिल्ली में ही जांच सुविधा होने से काफी समय रिपोर्ट आने में लग जाता है, दिल्ली में देश भर से सेंपल भेजे जाते है, कम से कम 15 दिन रिपोर्ट आने में लगते है। बता दे कि अभी तक मप्र के इंदौर, भोपाल सहित ग्वालियर व अन्य जिलो में ओमिक्रॉन की दस्तक हो चुकी है जिसके बाद अब सतना का नाम भी प्रदेश के ओमिक्रॉन प्रभावित जिलो में जुड़ गया है। हालांकि आगामी रिपोर्ट आने के बाद ही इस बात की जानकारी हो सकेगी कि रीवा में अन्य जिलो की अपेक्षा ओमिक्रॉन असर कर रहा है या नहीं, हालांकि अभी तक मरीज मिले स्वस्थ्य होकर ही लौटे है और उन पर कोरोना का ज्यादा असर नहीं रहा है। संभाग में रीवा जिले में पहले ही ओमिक्रॉन के मरीज मिल चुके हैं।