सीधी/रीवा। बघेलखंड व बुंंदेलखंड की महत्वपूर्ण रेल परियोजना की गति में कुछ इजाफा होगा। ललितपुर-सतना, रीवा-सीधी-सिंगरौली व महोबा-खजुराहो रेललाइन निर्माण के लिए 700 करोड़ रूपये आवंटित हुए हैं। रेल बजट 2022 में यह आवंटन इस परियोजना के लिए हुआ है। जबकि पिछले रेल बजट 2021 में 600 करोड़ रूपये ही इस परियोजना को मिले थे। अब पिछले साल की तुलना 100 करोड़ रूपये अधिक मिलने से परियोजना को गति मिलेगी। हालांकि इस बड़ी परियोजना के लिए उक्त बजट कम है। फिर भी बजट मिलने से अब कुछ स्थिति में सुधार आने के आसार हैं। गौरतलब है कि गत 18 अक्टूबर 2016 को तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस परियोजना का दोबारा शुभारम्भ किया तथा सीधी स्टेशन का शिलान्यास किया। इस दौरान जानकारी दी गई कि केवल रीवा से सीधी वाया सिंगरौली के बीच 165 किलोमीटर रेललाइन की लागत 2220 करोड़ आयेगी। रेल मंत्रालय ने 2020 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया था। शिलान्यास कार्यक्रम के मंच से तत्कालीन रेल मंत्री ने नियत समय में निर्माण कार्य पूरा होने का आश्वासन भी दिया था। लेकिन दोबारा शिलान्यास होने के बावजूद रेल प्रशासन इस परियोजना को पर्याप्त बजट नहीं दे सका। लिहाजा अब तक परियोजना धीरे-धीरे घिसट रही हैं। ललिलपुर सिंगरौली रेल परियोजना की नींव 1985 में रखी गई थी। लगभग 541 किलोमीटर लंबी रेललाइन के लिए तब 925 करोड़ रूपये आवंटित हुए थे। पहले चरण में ललितपुर से खजुराहो होते हुए सतना 282 किलोमीटर ट्रेक बिछाना था। फिर दूसरे चरण में महोबा से खजुराहो 64.48 किलोमीटर ट्रेक और तीसरे चरण में रीवा से सिंगरौली 165 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण तय हुआ। विभिन्न राजनीतिक कारणों से यह परियोजना आमजन के लिए दुखदायी बनी रही।
21 करोड़ से होगा दोहरीकरण
रीवा-सतना के बीच रेललाइन दोहरीकरण कार्य में भी कुछ तेजी आयेगी। रेल बजट में इस दोहरीकरण कार्य के लिए 21 करोड़ रूपये रेल बजट 2022 में आवंटित हुए हैं। इसके पूर्व 2021 में 18 करोड़, 2020 रेल बजट में 52 करोड़ और 2018 में 75 करोड़ रूपये में दोहरीकरण हेतु मिले थे। इस पर भी अब तक दोहरीकरण का कार्य 32 किलोमीटर के लगभग शेष है। अब 21 करोड़ रूपये मिलने से रीवा-सतना के बीच रेललाइन दोहरीकरण के कार्य में तेजी आने की उम्मीद है।
अन्य के लिए फिर लगा झटका
रीवा-जयसिंहनगर रेललाइन सर्वे के लिए कोई बजट नहीं मिला। रेल बजट 2017 में 50 हजार और रेल बजट 2018 में जयसिंहनगर रेललाइन सर्वे हेतु 4 लाख 65 हजार रूपये मिले थे। उसके बाद से रेल प्रशासन द्वारा इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी प्रकार पूर्व में रीवा-मिर्जापुर रेललाइन के लिए 25 लाख रुपये आवंटित हो चुका है। इस बजट से 171 किलोमीटर लंबी रेललाइन का सर्वे भी रेलवे बोर्ड द्वारा कराया जा चुका है। अब सर्वे रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए राशि की मांग बनी हुई है।