रीवा। जिले में राजनीति एक बार फिर हावी हो रही है!अच्छे कार्य के नाम से जाने जा रहे अधिकारियों की कुर्सी में परिवर्तन शुरु हो गए है। हाल ही में जिला कलेक्टर इलैयाराजा टी को हटाया गया था जिसके बाद अब टीआरएस कॉलेज की प्राचार्य डॉ.अर्पिता अवस्थी को भी हटा दिया गया है। इस संबंध में आदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए हैं। जिसमें उनकी जगह डॉ केके शर्मा को टीआरएस प्राचार्य की कुर्सी का प्रभार दिया गया है। बता दें कि कांग्रेस सरकार के गिरते ही जब भाजपा की सरकार बनी तो पूर्व प्राचार्य डॉ.रामलला शुक्ला पर लगे आरोप के बाद उनको हटाकर डॉ.अर्पिता अवस्थी को टीआरएस प्राचार्य बनाया गया था। स्थानांतरण को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है, चर्चा है कि दो सत्ताधारी नेताओं की आपसी जंग के चलते यह बदलाव हो रहे हैं, जिससे जनहित प्रभावित हो रहा है लेकिन इसकी किसी को कोई चिंता नहीं। सरकार भी इन नेताओं के आपसी वर्चस्व की लड़ाई में उलझी हुई है। बता दें कि रीवा कलेक्टर के स्थानांतरण को लेकर भी सत्ताधारी नेताओं के बर्चस्व के लड़ाई की चर्चा थी।
प्राचार्य के कार्यकाल में काफी सुधार
बता दें कि जब से टीआरएस कॉलेज प्राचार्य की जिम्मेदारी डॉ.अर्पिता अवस्थी को दी गई तब से टीआरएस कॉलेज के व्यवस्थाओं में काफी सुधार हुए, पूर्व प्राचार्य के कई मामलो की पोल भी पोल भी एक के बाद एक खोली गई, वहीं आए दिन मारपीट, लड़ाई-झगड़े के लिए चर्चित कॉलेज में शांति का महौल उनके कार्यकाल में रहा। उपद्रवियों पर सख्त कार्यवाही की गई, इसके अलावा अपने घरों के लिए बतौर नोकर शासकीय रुपयों पर भर्ती किए गए कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया तो कईयों को प्राध्यापकों के घर से वापस भी बुलाया गया। शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार हुए, प्राध्यापको व छात्रों के समय पर आने व जाने का सिलसिला भी शुरु हुआ, इसके अलावा कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य भी उनके द्वारा कॉलेज में कराए गए। हालांकि टीआरएस प्राचार्य को हटाए जाने की बात सार्वजनिक होते ही हड़कंप मचा हुआ है, कलेक्टर की तर्ज पर टीआरएस प्राचार्य को वापस कुर्सी सौंपने की मांग शुुरु हो गई है।
प्रभावित होगी नैक की तैयारी
बता दें कि कॉलेज के लिए सबसे महत्वपूर्ण नैक का परीक्षण जल्द ही होने वाला है, ऐसे में प्राचार्य की कुर्सी में बदलाव से बड़ा झटका लग सकता है। नैक की तैयारियों को टीआरएस प्राचार्य द्वारा काफी गति के साथ पूरा किया जा रहा था लेकिन अब कुर्सी में बदलाव से यह प्रभावित होगी। वहीं चर्चा है कि पूर्व प्राचार्य पर की गई कार्यवाही से उनके सत्ता पर बैठे हुए रिश्तेदार न खुश थे और वह प्राचार्य को हटाने काफी दिनों से जुटे हुए थे, अब जाकर उनको सफलता मिली है।