ग्वालियर। प्रशासनिक अधिकारियों की मनामनी के चलते लोग परेशान है, ऐसा एक ही जिले में नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में है, अपनी समस्याओं को लेकर वह छोटे अधिकारी से बड़े अधिकारियों तक भटकते रहते है, कुछ तो समस्याओं के साथ ही दम तोड़ जाते है तो कुछ ऐसे भी होते है जो इन समस्याओं ने परेशान होकर अपराध की दुनिया में प्रवेश कर जाते है ऐसा ही एक मामला ग्वालियर जिले में सामने आया है जब एक अधिकारियों की मनमानी से परेशान एक सेवानिवृत्त फौजी ने कलेक्टर को चेतावनी दे डाली, उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वह ग्वालियर जिले से हैं, कहीं ऐसा न हो कि उन्हें भी पान सिंह तोमर बनना पड़े, क्योंकि वह समस्या को लेकर लगातार निराकरण की मांग कर रहे है लेकिन इसकी सुनवाई कहीं पर भी नहीं हो रही है। हालांकि ग्वालियर कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में ले लिया है।
क्या है मामला….
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर जिले के लाल टिपारा गौशाला के समीप रहने वाले सेवानिवृत्त फौजी रघुनाथ सिंह तोमर अपनी समस्या लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे, उन्होंने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को बताया कि उन्होंने वर्ष 2011 में सांई नगर में एक प्लॉट खरीदा, बिक्री करने वाले भूपेन्द्र सिंह, अरविंद गुर्जर, जसवंत सिंह के माध्यम से खरीदी की गई। जब उनके द्वारा सेवानिवृत्त के बाद वह वापस लौटे और इस प्लॉट पर अपना घर बनाने के लिए गए तो वहां पहले से ही भूमाफियाओं ने कब्जा कर रखा है। यह कब्जा प्लॉट बेचने वालो के इशारे पर ही हुआ है, आरोप है कि जब भी वह प्लॉट पर मकान बनाने पहुंचते है वहां आरोपी उन्हें डराने धमकाने लगते हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में थाना सहित प्रशासनिक अधिकारियों को आवेदन दिया गया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई।
2 दिन के अंदर दिलाए कब्जा
बता दें कि मामला कलेक्टर को बताते हुए फौजी ने साफ कहा कि कहीं ऐसा न हो कि अधिकारी सुन नहीं रहे और निराकरण न होने पर उन्हें बंदूख उठाना पड़े और पान सिंह तोमर की तरह बागी होने पर मजबूर न किया जाए। यदि अब उनकी समस्या का निराकरण नहीं होता है तो वह भी पान सिंह तोमर की तरह बंदूख उठाएंगे और बागी बनेंगे। हांलांकि कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि दो दिन के भीतर फौजी इस संबंध में रिपोर्ट पेश की जाए और फौजी को उनके प्लॉट पर कब्जा दिलाया जाए। बता दें कि इस प्रकार के मामले ने एक बार फिर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर बड़ा सवाल खड़ा किया है क्योंकि देश की सेवा करने वाले फौजी की ही जब सुनी जा रही है और भूमाफियाओं को सह दी जा रही है तो किसी सुनी जाएगी।