बृजेश मिश्रा रीवा। कहते है प्यार अगर सच्चा हो तो दो प्रेमियों को कभी अलग नहीं किया जा सकता है। सच ही जिसने भी कहां जरूर वह प्रेमी ही रहा होगा। क्योंकि सच्चा प्यार करना और सच्चा प्यार करना दोनो मुश्किल है। आज लव वीक का सबसे स्पेशल डे यानी वेलेनटाइन डे है। पूरा विश्व इस वीक को अपने-अपने अलग अंदाज में इनज्वॉय करता है। इस डे पर कुछ ऐसे लोंगो से बात चीत की गई जिन्होंने सच्चा प्यार भी किया और उसके लिए दुनिया से लड़कर अपनाया भी। शहर में रहने वाले कुछ ऐसे कपल की खबर हम आप से सांझा करने जा रहे है, भरोसा है कि इन खबरों से सच्चा प्रेम करने वाले और अपने प्रेम को एक सफल मुकाम तक लेकर जाने की इक्छा रखने वालो के हौसले जरूर बुलंद होंगे।
मंदिर में हुआ प्यार, इलाहाबाद पहुंचकर रचाई शादी
रीवा के शहरी क्षेत्र द्वारिका नगर में रहने वाले प्रकाश और नीलम की कहानी भी कुछ ऐसी है। जिसे सुना जाए तो वह फिल्मी स्टोरी की तरह लगेगी लेकिन यह एक सच है। बताया जाता है कि इनकी प्रेम कहानी शुरू होती है हमारें महामृत्युंजय किला मंदिर से, वह वैलेनटाइन डे का दिन ही था जब पहली बार यूपी की रहने वाली नीलम सिंह किला अपनी फैमिली के साथ पहंची। हालांकि प्रकाश सिंह बहुत कम मंदिर जाते थे पर एक मित्र इन्हें जबरजस्ती मंदिर ले गए। वहां इन्होंने पहली झलक नीलम को देखा। पहली ही झलक में प्यार होना फिल्मों की कहानी जैसा था। जिस पर प्रकाश को विश्वास नहीं हो रहा था। कुछ दिन हुए इन्हें एहसास हुआ कि यह प्यार ही था। फिर क्या था प्रकाश निकल पड़े नीलम की खोज में, बड़ी मुश्किल से पता चला कि नीलम अपने रिश्तेदारी में मात्र एक दिन के लिए रीवा आई थी। इन्होंने नीलम के गांव का पता लगाया और निकल पड़े एक सच्चे आशिक की तरह खोज में। प्रकाश बताते है कि उन्होंने इन दिनों में कई बार यूपी का आना जाना किया क्योंकि घर में मां अकेली थी। उनका भी ख्याल इन्हें ही रखना होता था। धीरे-धीरे वह नीलम के बारे में सब कुछ जान गए। इन्होंने नीलम से न बात कर उनके परिवार वालों व अपने परिवारजनों से बात करना उचित समझा। फिर प्रकाश के परिवार वालों ने नीलम के परिवार से शादी की बात की जिस पर सभी की राजी खुशी से इनकी शादी हुई। इनका कहना है कि लड़की के घर वालों से बात करने का फैसला ही इनके प्यार को हाशिल करना था। शायद यदि वह ऐसा नहीं करते तो नीलम उन्हें नहीं मिल पाती। जब नीलम से पूंछा तो उन्होंने भी यहीं कहा कि प्रकाश उन्हें पहली नजर में ही पसंद थे। आज वे दोनो अपनी जिंदगी में खुश है, उनकी दो प्यारी गुडिय़ा दिपाली और अराध्या भी है।
शापिंग में दिखी नीरज से नारेन्द्र को हुआ था प्यार
नीरज और नारेन्द्र की कहानी थी प्रेमी युगलों को हौसला बढ़ाने के लिए मददगार है। इनकी कहानी कुछ अलग है। ये दोनो ही एक शहर में रहने वाले है। नारेन्द्र जो कि एक बहुत सीधे-साधे शांत स्वभाव के आचरण से जाने जाते है। बताया कि वह एक बार शहर में ही शापिंग के लिए गए हुए थे। जहां पहली बार उन्होंने नीरज को देखा। वह भी अपने भाई के लिए कपड़े की खरीदारी कर रही थी। उसी दुकान में नारेन्द्र पहुंचे। कपड़ों के सलेक्शन को लेकर ही नीरज से उनकी बात-चीत उस दुकान पर हुई। वहीं यह अपना दिल खो बैठे। फिर क्या था यह शांत स्वभाव के चलते इस बात को समझ नहीं पा रहे थे। पर कहते है न दोस्त तो दोस्त होते है दोस्तों ने इन्हेंं एहसास करा ही दिया। फिर क्या था दोस्तो की मद्द से घर का पता चला और सुबह-शाम घर के पास चाय की दुकान पर होने लगी। कुछ दिनों बाद नीरज को दिल बात कहीं जिस पर नीरज को यकीन नहीं हो रहा था। नीरज ने उनसे बात न कर उनके परिवार वालों से बात करने की बात कहीं जिसको नारेन्द्र ने बखूबी मानते हुए अपने घर वालो से शादी का प्रस्ताव रखा और दोनो की शादी कुछ ही दिनों में हो गई। आज दोनो अपनी लाइफ में खुश है। इनके दो बेटे रूद्र व अंश भी है।
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