रीवा। गुजरात की साबरमती नदी के घाटों की तरह शहर की बीहर नदी के घाट कब दमकेंगे यह सवाल हर शहरवासी के मन में है। दरअसल बीहर के घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए पिछले कार्यकाल में काम शुरू कर दिया गया था लेकिन आज भी सपना अधूरा है। पांच साल पूरा होने के बाद भी रिवर फ्रंट का काम अधूरा है। जबकि निविदा शर्तों के मुताबिक 3 साल में ही काम पूरा करना था। यानी कि 2021 में रिवर फ्रंट का कार्य पूरा हो जाना चाहिए था। जिस तरह से काम चल रहा उससे लगता है कि अभी पांच साल और लगेंगे।
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बताया भी जा रहा है कि बीहर रिवर फं्रट के निर्माण में बजट का पेंच फंस सकता है। दरअसल 27 करोड़ रुपये की लागत से बीहर के दोनो तटों का सौंदर्यीकरण करना था लेकिन अब तक 20 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके हैं और अभी एक तरफ का ही निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है।
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n दरअसल जनभागीदारी से निर्मित हो रहे बीहर रिवर फ्रंट के लिए शासन द्वारा ठेकेदार को इसके बदले में खन्ना चौराहे के पास की जमीन एवं और उर्रहट स्थित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यालय की जमीन दी गई है। इन जमीनों के बदले में ठेकेदार को शर्तों के मुताबिक रिवर फ्रंट के साथ-साथ सिविल लाइन में ई टाइप एवं एफ टाइप के शासकीय मकानों निर्माण के साथ-साथ वाण सागर कॉलोनी में बाणसागर कार्यालय का निर्माण करना था। ठेकेदार द्वारा उक्त दोनों कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं और रिवर फ्रंट का निर्माण कार्य जारी है। किंतु अब तक जितनी राशि खर्च हो चुकी है उसके अनुपात में रिवर फ्रंट का कार्य आधा ही पूरा हो पाएगा। उपलब्ध 27 करोड़ रुपये के बजट में से 20 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च हो चुकी है जबकि अभी तक एक तरफ का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। ठेकेदार के मुताबिक उस पार के निर्माण में इस पार से अधिक खर्च आएगा। इस पार नदी के किनारे ज्यादा ऊचे नहीं होने के कारण तीन से चार मीटर चौड़ाई में पाथवे विकसित किया गया है लेकिन दूसरी नदी के किनारे की उंचाई अधिक होने के कारण 6 से 7 मीटर चौड़ाई का पाथवे का निर्माण करना होगा। जिससे उस पार अधिक खर्च आएगा।
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n2018 में दिया गया था ठेका
nबीहर रिवर फ्रंट निर्माण का ठेका 2018 में भोपाल के बंसल ग्रुप को मिला हुआ था। लेकिन 3 साल तक रिवर फ्रंट का काम शुरू ही नहीं हो पाया। 2020 के आखिरी में बंसल ग्रुप ने बीहर रिवर फ्रंट के निर्माण के लिए रीवा की फर्म अप स्टैंडिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी से डील की। डील फायनल होने के बाद उक्त कंपनी द्वारा जनवरी 2021 से काम प्रारंभ किया गया और वर्तमान में नदी के एक तरफ का रिवर फ्रंट का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। इसी तरफ पंचमठा परिसर का विकास कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है और अब इसके लोकार्पण की तैयारी की जा रही है। आगामी 10 अगस्त को मुख्यमंत्री के रीवा दौरे पर इसका लोकार्पण भी किया जा सकता है। लेकिन रिवर फ्रंट के निर्माण को लेकर ठेकेदार का कहना है कि इतने बजट में रिवर फ्रंट का काम किसी भी सूरत में पूरा नहीं हो पाएगा।
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nअब तेजी से फैलेगी पंचमठा की कीर्ति
nस्थानीय लोगों के लिए यह स्थान कभी भी परिचय का मोहताज नहीं रहा। हमेशा से पंचमठा यहांं के लोगों के लिए आस्था का केन्द्र रहा है, लेकिन अब इसकी ब्रांडिंग की जाकर विश्व के पांचवे मठके रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पर बीहर नदी तक पहुंचने के लिए घाट का निर्माण पहले से ही है। घाट में बनी सीढिय़ों के ऊपर छोटे-छोटे कई मंदिर पहले से स्थापित हैं जिनमें शिवलिंग विराजे हुए हैं। रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट की शर्त में पंचमठा परिसर का विकास भी शामिल है। लिहाजा निर्माण एजेंसी द्वारा सबसे पहले इसी परिसर को विकसित किया गया है और अब इसके लोकार्पण की तैयारी की जा रही है। यहां पर आदि शंकराचार्य की भी भव्य मूर्ति की स्थापना भी की जाएगी।
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nआदि शंकराचार्य की स्थापित होगी भव्य मूर्ति
nबीहर नदी के तट पर स्थापित पचमठा विश्व का पांचवा मठ है। यहां पर कभी आदि शंकराचार्य जी आकर रुके थे। उनके द्वारा ही इस पाँचवे मठ की स्थापना की गई थी जिसका महिमा मंडन अब किया जा रहा है। इस धार्मिक स्थल का विकास पूरा होने के बाद यह शहर का सबसे रमणीक स्थल के रूप में नजर जाएगा। बड़ी पुल से लेकर राजघाट तक बनने वाले रिवर फ्रंट के मध्य में बहुत पहले से स्थापित पचमठा को आकर्षक रूप से विकसित करने के साथ-साथ यहां पर आदि शंकराचार्य की भव्य मूर्ति की स्थापना भी की जाएगी। अभी तक पचमठा आश्रम की पहचान एक साधारण धार्मिक स्थल के रूप में थी। लेकिन जब से इसको विकसित करने की बात चली है। इसके इतिहास के बारे लोगों जानकारी हुई। इसके बाद से पचमठा की प्रसिद्धि लगातार बढ़ती जा रही है।
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बीहर रिवर फ्रंट योजना की आंकड़ात्मक जानकारी
nप्रोजेक्ट की कुल लागत 56 करोड़ रु.
nठेकेदार ने अग्रिम जमा कराये 04 करोड़ रु.
nबीहर रिवर फं्रट की लागत 27 करोड़ रु.
nबाणसागर कार्यालय एवं सिविल
nलाइन में सरकारी आवास का निर्माण 25 करोड़ रु.
nराज्य शासन द्वारा दिया गया 46
nभूमि स्वामियों को मुआवजा 25 करोड़ रु.
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ठेकेदार को निर्माण के बदले दी गई सरकारी जमीनें
nखन्ना चौराहे के पास दो भूखण्ड 4813.75 वर्ग मीटर
nउर्रहट स्थित पीएचई कार्यालय
nपरिसर की पूरी जमीन 6092 वर्ग मीटर
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