रीवा। स्थानीय कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में आयोजित चित्रांगन अंतर्राट्रीय फि़ल्म एवं नाट्य महोत्सव के द्वितीय दिवस के प्रथम स्तर में देश विदेश से आई चुनिन्दा फिल्मों का प्रदर्शन हुआ। रंग उत्सव समिति के द्वारा आयोजित चित्रांगन महोत्सव के द्वितीय सत्र में मस्टर क्लास के तहत फि़ल्म अभिनेता राजीव वर्मा एवं नाट्य निर्देशक प्रवीण शेखर ने कलाप्रेमियों से परिचर्चा की। इस दौरान वरिष्ठ रंगकर्मी एवं लेखक योगेश त्रिपाठी, समीक्षक जयराम शुक्ला, दिव्या धवन, विशेष रूप से उपस्थित रहे। जिला प्रशासन रीवा,नगर निगम रीवा, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुरातत्व विभाग के सहयोग से शहर में कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं सम्वर्धन हेतु आयोजित चित्रांगन महोत्सव के द्वितीय दिवस के तृतीय सत्र की शुरुआत पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने माँ सरस्वती की प्रतिमा में पुष्प अर्पित किया। शुरुआत में राष्ट्रीय स्तर की कत्थक नृत्यांगना शुभांगी कात्यायनी की प्रस्तुति हुई जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
इस दौरान मुम्बई से आए फि़ल्म अभिनेता पियूष मिश्रा व राजीव वर्मा, कलेक्टर रीवा,पुलिस अधीक्षक रीवा विशेष रूप से उपस्थित रहे। नाटक हवालात की जीवंत प्रस्तुति हुई। इस नाटक में युवाओं की ज्वलंत समस्या को मूल रूप से दिखाया गया। नाटक हवालात निर्देशक प्रवीण शेखर हैं प्रस्तुति बैक स्टेज की रही। नाटक ने दर्शकों को खूब हंसाया एवं विशेष संदेश देने का कार्य किया। बताते चलें कि रीवा शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म एवं नाट्य समारोह चित्रांगन अपने विशेष रंग के लिए जाना जाता है, जहां एक ही परिसर में कला के विविध रूप एवं रंग देखने को मिलते हैं, इसी के तहत आयोजन स्थल में जिला खादी बोर्ड की तरफ से स्टाल लगाया गया है जिसमे अचार, पापड़ एवं खादी से बने कपड़े के साथ खिलौनों की प्रदर्शनी के प्रति सभी का विशेष आकर्षण बना रहा। कांस्य शिल्पकार बालकृष्ण ताम्रकार जिला सतना के द्वारा बर्तनों की प्रदर्शनी लगाई गई। यह भी आकर्षण का केंद्र बना रहा।
फेस्टिवल डायरेक्ट अंकित मिश्रा ने बताया कि चित्रांगन फि़ल्म एवं नाट्य समारोह में आज की प्रस्तुति होगी नाटक गगन द मामा बज्यो इसका लेखन मशहूर फिल्म अभिनेता एवं लेखक पीयूष मिश्रा ने किया है। आज पीयूष मिश्रा स्वयं इस प्रस्तुति हेतु ऑडिटोरियम में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में सहयोगी के रूप में सतत अगुआई करते हुए। विभू सूरी ने बताया की इन युवाओं ने एक नई पहल की है और यह महोत्सव नित नए प्रतिमान स्थापित करने का कार्य कर रहा है। हम अपने सभी सहयोगी के सहयोग से ही यह आयोजन करने में सफलता की ओर हैं। यदि सभी कलाप्रेमी जन एवं सहयोगी साथियों स्नेह इसी तरह बनाए रखा तो अपने शहर में यह परम्परा सतत चलती रहेगी।
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