रीवा। शहर में वर्षो से बनी कई पेयजल टंकियां खाली पड़ी हैं उनका कोई इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। इन पेयजल टंकियों के माध्यम से आज तक पानी की सप्लाई प्रारंभ नहीं की जा सकी है। इन टंकियों का निर्माण करके प्रशासन भूल सा गया है। अब जब जल जीवन मिशन के तहत सभी को नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने का काम शहर सहित पूरे जिले में चल रहा है तो इन खाली पड़ी पेयजल टंकियों पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग पीएचई की नजरें इनायत हुई हैं। पीएचई के अधिकारियों ने पालीटेक्निक कालेज परिसर में कई सालों से खाली पड़ी पेयजल टंकी का इस्तेमाल करके लोगों को पानी सप्लाई करने की योजना बनाई है। पालीटेक्निक कालेज परिसर की पेयजल टंकी का इस्तेमाल करने के लिए पीएचई के अधिकारियों ने नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन से अनुमति मागी है। इस टंकी का भी अभी तक इस्तेमाल शुरू नहीं किया गया है। सरदार पटेल बसस्टैण्ड में पिछले दस साल से बनी पेयजल टंकी का भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। बसस्टैण्ड के साथ ही यहां पर पेयजल टंकी का निर्माण किया गया था ताकि इस क्षेत्र में टंकी के जरिये पानी कीि सप्लाई की जा सके। इसके साथ ही बसस्टैण्ड में लोगों को पानी उपलब्ध कराने की योजना थी लेकिन इसे आज तक भरा ही नही जा सका है। विकास और सुविधा के नाम पर पेयजल टंकी का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं होने से जनता को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों में भी कई पेयजल टंकियां सालों से बिना उपयोग के बनकर खड़ी है किन्तु उनका कोई लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। बहरहाल पीएचई के अधिकारियों ने देर से ही सही लेकिन उसने इन खाली पड़ी पेयजल टंकियों का उपयोग जनहित मेें करने का सही निर्णय लिया है।
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