रीवा। जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं में कुछ सुधार हुए हैं, चिकित्सको के प्रयास से मरीजों को नया जीवन मिल रहे हैं। ऐसा की एक मामला गांधी मेमोरियल अस्पताल में सामने आया है। जिसमें गंभीर हालत में लाई गई किशोरी को डाक्टरों की टीम ने कड़ी मेहनत कर नया जीवनदान दिया, वह भी उस स्थिति में जब यह कहकर रेफर कर दिया गया था कि उसके बचने की उम्मीद अब कम ही हैं। जानकारी के मुताबिक करीब ढ़ाई माह पूर्व नारीबारी की रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी राखी कोल पिता समालि कोल का थ्रेसर में हाथ कट गया था, जिसके बाद उसको स्वरूप रानी अस्पताल प्रयागराज में एडमिट किया गया। कुछ दिनों तक एडमिट रहने के बाद उसकी हालत बिगड़ी और उसे आनन-फानन में गांधी मेमोरियल रीवा के लिए रेफर किया गया। गंभीर हालत में परिजन किशोरी को लेकर रीवा पहुंचे, जिसको गांधी मेमोरियल के चिकित्सकों ने उपचार कर ठीक किया।
घर जाकर बिगड़ी आदत
बताया गया कि रानी स्वरूप अस्पताल में पहले प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी लेकिन घर जाकर उसकी तबियत और ज्यादा खराब हो गई। जिसके बाद वह वापस उसे अस्पताल ले गए तो उन्होंने रीवा रेफर कर दिया। डाक्टरों के अनुसार जब तक की राखी रीवा पहुंची उसकी परेशानी काफी बढ़ चुकी थी। गांधी मेमोरियल अस्पताल में राखी को तुरंत पीआईसीयू में शिशु एवँ बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ नरेश बजाज के दिशा निर्देशो में भर्ती किया गया और इलाज चालू किया।
निकालते गए मवाद
बताया गया कि राखी को सांस लेने में काफी कठिनाई हो रही थी, जांच में दिल के आस पास पानी जमा होने एवं दिल के आस पास मवाद जमा होने के अलावा राखी को कटे हुये हाथ मे इन्फेक्शन की वजह से काफी मवाद जमा हो चुका था, जिसका इंफेक्शन पूरे शरीर मे फैल चुका था। राखी को हार्ट फेलियर जैसे लक्षण आने लगे थे, सारे शरीर मे सूजन आ चुकी थी। ऐसी स्थिति से मरीज को डिस्चार्ज करने वाली स्थिति में लाना बहुत मुश्किल होता है लेकिन गांधी मेमोरियल अस्पताल के डॉक्टर्स ने हार न मानते हुए इस मुश्किल को आसान बनाया। राखी के दिल के आस पास की जगह से 4 दिनों में करीब 2 लीटर फ्लूइड ड्रेन किया गया। उसके कटे हुए हाथ की लगातार मवाद निकलवाकर ड्रेसिंग की जाती रही और किसी भी दवा की कमी नही होने दी।
इनका रहा सराहनीय योगदान
गंभीर हालात का पता चलते ही पीआईसीयू के इंचार्ज डॉ करण जोशी, डॉ मीना पटेल, डॉ प्रभात सिंह भघेल के निर्देशों के तहत राखी का पीआईसीयू में सीनियर रेसिडेंट डॉ शशिकांत पाटीदार ,डॉ जयेन्द्र आर्य ,डॉ कामिनी ,डॉ चिया ,डॉ अभिषेक,डॉ भाग्यश्री ने इलाज चालू रखा। हालत स्थिर होने के बाद राखी को यूनिट 3 में सीनियर कंसलटेंट डॉ दीपक द्विवेदी ,जुनियर रेजिडेंट डॉ आशीष गुप्ता ,डॉ गजेंद्र धाकड़ ने इलाज को जारी रखा एवं स्वस्थ्य हालत में डिसचार्ज दिया। बता दें कि विभागध्यक्ष डॉ.नरेश बजाज एवं सीनियर डॉक्टर्स के दिशा निर्देशों पर जूनियर डॉक्टर्स रात-दिन मेहनत कर राखी को चंद दिनों में बेहतर स्थिति में लाने में सक्षम रहे। चिकित्सकों का परिजनों ने आभार व्यक्त किया।
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