रीवा। उच्च शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के लिए हुई घोषणाओं के बाद अब अतिथि विद्वान की कुर्सी पाने जोर लगाया जा रहा है। लगातार विभाग द्वारा भी नियमों में संसोधन करते हुए नए-नए पत्राचार किए जा रहे हैं। शुक्रवार को विभाग द्वारा जारी आदेश पूरा चर्चा का विषय बना रहा। यह आदेश फालेन आऊट अतिथि विद्वानों के लिए च्वाइस फिलिंग के बाद आवंटन के संबंध में जारी की गई सूचना चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसको लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। अतिथि विद्वानों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं और इसे सेटिंग भी बताया जा रहा है। दरअसल बीते दिवस फालेन आऊट अतिथि विद्वानों के लिए च्वाइस फिलिंग के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। शुक्रवार को इनके च्वाइस फिलिंग के बाद आवंटन के संबंध में आदेश जारी किया गया कि आवंटन सूची सार्वजनिक न करते हुए लॉगिन में ही आवंटन दिया गया है जबकि पूर्व में ऐसा नहीं होता था।
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सभी के आवंटन संबंधी सूची को सार्वजनिक किया जाता था, इस वर्ष सूची सार्वजनिक नहीं होने पर अतिथि विद्वानों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं शुरु हो गई। चर्चाओं में कहा जा रहा है कि जब से अतिथि विद्वानों के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने घोषणाएं की है तब से विभाग में हलचल मची हुई है और विभागीय अधिकारी अपने परिजनों व चहेतों को भर्ती करने के लिए प्रयासरत है, बीते दिनों पूर्व में पंजीकृत अभ्यार्थी जो अतिथि विद्वान की व्यवस्था के लिए आवेदन करना चाहते थे उनके लिए च्वाइस फिलिंग खोली गई थी लेकिन दूसरे ही दिन इसे बंद कर दिया गया और फिर फालेन आऊट अतिथि विद्वानों के लिए च्वाइस फिलिंग खोल दी गई।
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जिसमें फालेन आऊट व न्यायालीन प्रकरण वाले अतिथि विद्वानों के लिए च्वाइस फिलिंग खोली गई थी। बता दें कि चर्चा में कहा जा रहा है कि इसमें न्यायालीन प्रकरण का हवाला देकर कईयों के ज्वानिंग की चर्चाएं तेज हैं, कहा जा रहा है कि अपने चहेतों को ऐसे ही अधिकारियों ने इस व्यवस्था में भर्ती कर लिया व वही पुराने आईडी पासवर्ड से नए व्यक्ति को भी ज्वाइनिंग की चर्चाएं हो रही है। इतना ही नहीं नए अभ्यार्थी के लिए कोई आदेश भी अब तक च्वाइस फिलिंग के संबंध में नहीं जारी हुआ। हालांकि इन चर्चाओं में कितनी सत्यता है यह तो जांच में ही सामने आएगा लेकिन अतिथि विद्वानों के बीच उच्च शिक्षा विभाग के आदेश चर्चा में हैं। अधिकारी भी इस संबंध में कोई ठोस जबाव नहीं दे पा रहे हैं।
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