रीवा। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन मनमानियों को लेकर अक्सर चर्चाओं में बना रहता है। गत 8 मार्च को भर्ती घोटाला का मामला प्रकाश में आया था, हालांकि इस मामले पर कार्यवाही करते हुए मेडिकल कॉलेज के डीन ने कड़ा एक्शन लेते हुए इसके लिए आयोजित 28 फरवरी की लिखित परीक्षा को निरस्त कर दिया है। बता दें कि गत 8 मार्च को डीन को समाजसेवी शेषमणि शुक्ला सहित अन्य परीक्षार्थियों ने ज्ञापन सौंपा था जिसमें उन्होंने आयोजित परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े को लेकर आरोप लगाए है।
डीन को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि हाल ही में मप्र राज्य एड्स नयंत्रण समिति भोपाल द्वारा एआरटी सेंटर में रिक्तियां निकाली गई थीं जिसमें यह अंकित नहीं था कि लिखित परीक्षा अंगे्रजी माध्यम से कराई जाएगी। डाटा इंट्री, काउंसलर एवं लैब टेक्रीशियन जो कि हिंदी मीडियम के छात्र हैं उनकी परीक्षा अंग्रेजी माध्यम से गत 28 फरवरी 2022 को कराई गई। जो कि अन्यायपूर्ण है। इससे यह प्रतीत होता है कि ऐसा अपने चहेते व संबंधियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। बताया गया कि गलत तरीके से अपने चहेतों को नंबर बढ़ाकर उनको आगे कर दिया गया है व योग्य परीक्षार्थियों को बाहर कर दिया गया है। इसलिए टॉप में आने वालों को वहीं पेपर देकर फिर परीक्षा ली जाए और देखा जाए कि वह कितने अंक हासिल करते हंै।
परीक्षा को निरस्त कर फिर से कराए जाने की मांग की गई । ज्ञापन में बताया गया कि टॉप में जो आए है उनमें से लैब टेक्रिशियन पद में लिखित परीक्षा में एआरटी केन्द्र के नोडल अधिकारी डॉ. हरिओम गुप्ता के लैब में कार्यरत प्रमोद गुप्ता को 50 से 35 अंक दिए गए हैं, जो मेरिट सूची में प्रथम हैं। इसके अलावा एआरटी सेंटर में ही कार्यरत डाटा मैनेजर अरशद हुसैन की पत्नी इमराना बेगम का पहला नंबर है, जिनको 50 से 42 नंबर दिए गए है। बाकी किसी अभ्यर्थी को इतना अंक प्राप्त नहीं हुआ है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीन ने जांच कराई और परीक्षा को स्थगित कर दिया गया। अब भर्ती के लिए अलग से परीक्षा आयोजित की जाएगी।
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