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- नई दिल्ली। उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में पुलिस ने एक महिला को उसके ही भतीजे के यौन शोषण के मामले में गिरफ्तार किया है। महिला का भतीजा 15 साल किशोर बताया गया है। बच्चे के परिजनों ने महिला को HIV पॉजिटिव बताया है। आरोप यह भी है कि महिला बच्चे को संक्रमित करना चाहती है।
- यह है मामला…
- टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मामले की जांच कर रहीं सब-इंस्पेक्टर रीता चौहान ने बताया कि आरोपी महिला ने होली से कुछ दिन पहले बच्चे का यौन शोषण किया था। पिछले साल दिसंबर में आरोपी महिला के पति की एड्स के कारण मौत हो गई थी. जिसके बाद वो पीलीभीत में अपने गांव चली गई थी. रिवाज के तहत उसके पति के बड़े भाई का बेटा होली के आसपास उसके घर पीलीभीत गया। जहां महिला ने कई बार उसका शोषण किया। इसके कुछ दिन बाद 30 मार्च को महिला उधम सिंह नगर वापस आई और वहां उसने फिर बच्चे का कई बार यौन शोषण किया। उसने बच्चे को धमकाया कि अगर इसके बारे में किसी को बताया तो बुरा नतीजा भुगतना पड़ेगा।
- मिली जानकारी के अनुसार बीते शनिवार, 2 अप्रैल को आरोपी महिला जब पीड़ित बच्चे को धमका रही थी, तभी बच्चे की मां मौके पर पहुंच गई। बच्चे ने अपनी मां को सारी बात बताई। जिसके बाद बच्चे के मां-बाप ने स्थानीय पुलिस थाने में महिला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। आजतक से जुड़े रमेश चंद्रा की रिपोर्ट के मुताबिक पीड़ित बच्चे के पिता ने महिला पर आरोप लगाया है कि महिला का पति HIV संक्रमित था और वह भी संक्रमित है. पिता के मुताबिक इसके बावजूद महिला ने उनके बेटे से शारीरिक संबंध केवल इसलिए बनाए, क्योंकि वह बच्चे की जिंदगी खराब करना चाहती थी।
- महिला पर क्या कार्रवाई हुई?
- इस मामले को लेकर उधम सिंह नगर जिले के रुद्रपुर इलाके के क्षेत्राधिकारी (सीओ) अभय प्रताप सिंह ने बताया, एक व्यक्ति के द्वारा तहरीर दी गई है कि उनके नाबालिग पुत्र के साथ उन्हीं की भाभी ने, जो कि एक संक्रामक बीमारी से पीड़ित हैं, बहला-फुसलाकर नाजायज संबंध बनाए। हमारे द्वारा मामले में तत्काल मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई है. महिला को गिरफ्तार कर न्यायालय के सामने पेश किया गया है।पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि महिला के खिलाफ IPC की धारा 270 और पॉक्सो एक्ट की धारा 5 और 6 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया गया है। IPC की धारा 270 के अंतर्गत उन लोगों पर मामला दर्ज किया जाता है, जो किसी गंभीर संक्रामक बीमारी को फैलाने के लिए जिम्मेदार हों. इसके तहत दोषी पाए जाने पर 2 साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों ही तरीके से दंडित किया जा सकता है। वहीं, पॉक्सो ऐक्ट की धारा 5 और 6 के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर मौत की सजा भी हो सकती है. पॉक्सो एक्ट का अंग्रेजी में पूरा नाम है ‘Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012’. इस ऐक्ट को बच्चों को यौन अपराधों, यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी से बचाने के लिए बनाया गया था।
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