रीवा। जिले में अवैध रूप से क्लीनिकों का संचालक कर मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है, कई ऐसे फर्जी चिकित्सक हैं जो बिना जानकारी व मेडिकल पढ़ाई के ही चिकित्सक बने फिर रहे हंै। अब ऐसे फर्जी चिकित्सको पर नकेल कसने का अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा शुरु कर दिया गया। गुरुवार से निकले जांच दल के बाद हड़कंप मच गया। जांच करने निकली टीम ने गुरुवार को दो अवैध क्लीनिकों में दबिश दी। कलेक्टर मनोज पुष्प के आदेश पर सीएमएचओ डॉ.एनएन मिश्रा द्वारा टीम गठित की गई थी। गुरुवार को यह टीम जांच करने सबसे पहले पीएल परौहा के यहां पहुंची, उनके द्वारा अवैध तरीके से प्रेरणा इएच क्लीनिक संचालित किया जा रहा था, यहां बैठकर वह मरीज देख रहे थे, टीम ने जब पंजीयन के संबंध में जानकारी ली तो उनके पास कोई दस्तावेज नहीं दिखाए गए, इतना ही नहीं उनके द्वारा ऐलोपैथी ईलाज के लिए कोई डिग्री व मेडिकल पढ़ाई से संबंधित दस्तावेज नहीं दिखाए गए। हैरानी बस बात की है कि बिना डिग्री ही वह अपने आप को डाक्टर बता मरीजों के ईलाज में जुटे हुए थे। जिसके बाद टीम द्वारा क्लीनिक को सील कर दिया गया। आगे की कार्रवाई की जाएगी। कार्यवाही के दौरान डीएचओ डॉ.ज्ञानेश मिश्रा, डॉ.अनुराग शर्मा, नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला व फार्मासिस्ट सोनू दहायत मौजूद रहे।
यहां तो और खतरनाक…
बता दें कि अपने आप को डाक्टर बता कर अवैध रूप से चिरहुला कॉलोनी में अवैध क्लीनिक संचालित कर व अपने घर में मरीजों को देख रही मनीषा तिवारी के अवैध क्लीनिक पर जैसे ही स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची वह क्लीनिक छोड़ भाग निकली। उनके द्वारा अंदर के कमरे में ताला बंद कर दिया गया और शटर खुला छोड़ ही भाग गई। जिसके बाद अनुपस्थित होने के चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच नहीं की गई। इनके पास भी ऐलोपैथी ईलाज के लिए जरूरी डिग्री व क्लीनिक संचालित करने के लिए पंजीयन नहंी मिला।
घर से लौटे थे बेरंग, फिर बनी योजना
बता दें कि इन फर्जी ऐलोपैथी डाक्टरों के क्लीनिक में दबिश देने के पहले टीम उनके घर में भी पहुंची थी। टीम के मुताबिक दोनो मनीषा तिवारी व पीएल परौहा के आलिशान मकान अगल-बगल ही निपानिया में बने हुए हैं, यह वहां भी मरीज देखते हैं, टीम के एक सदस्य ने मरीज को दिखाने की बात पूंछी तो दोनो ही एलोपैथी ईलाज के लिए तैयार हो गए और मरीज को लाने के लिए बोला गया। चंूंकि टीम को इनके फर्जी क्लीनिक पर भी शिकंजा कसना था इसलिए टीम वहां से बिना कार्रवाई वापिस लौट गई और भी इनके फर्जी क्लीनिकों में दबिश दी गई।
ऐसो की कमी नहीं…
बता दें कि जिले भर में ऐसे फर्जी डाक्टरों की भरमार है जो बिना पात्रता के एलोपैथी ईलाज कर मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हैं, कई अवैध क्लीनिक भी संचालित करते है तो कई झोला लेकर गलियों में घर-घर भटकते रहते हैं, शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में फर्जी क्लीनिक संचालित हो रहे हैं। इस कार्रवाई के बाद माना ज रहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस प्रकार के फर्जी डाक्टरों पर नकेल कसने की तैयारी में है।
कानूनी कार्यवाही भी जरूरी
बता दें कि बिना पात्रता मरीजों को एलोपैथी दवाएं बिना जानकारी के देने के मामले पर ऐसे फर्जी डाक्टरों पर एफआईआर भी दर्ज हो सकती है। गुरुवार को हुई कार्रवाई के बाद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार इस पर भी विचार कर रहे हैं।
दो अवैध क्लीनिकों की जांच की गई, दोनो के पास पंजीयन संबंधी दस्तावेज नहीं थे न ही एलोपैथी ईलाज से संबंधित पात्रता के दस्तावेज दिखाए गए। पीएल परौहा के क्लीनिक को सील कर दिया गया है। मनीषा तिवारी क्लीनिक छोड़ चली गईं।
डॉ.एनएन मिश्रा, सीएमएचओ रीवा।
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