सतना. जम्मू में आतंकियों के आत्मघाती दस्ते के हमले में शहीद हुए नौगवां के जवान शंकर प्रसाद को आज अंतिम विदाई दी गई। शनिवार की शाम उनका पार्थिव शरीर पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक ग्राम लाया गया। रविवार की सुबह जवान को सेना के अधिकारियों ने अंतिम सलामी दी। इसके बाद श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा।उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। मुखाग्नि बड़े बेटे संजय ने दी। पत्नी के किया अंतिम प्रणाम शहीद की पत्नी लक्ष्मी ने दर्शन स्थल पर पहुंच कर अंतिम प्रणाम किया। काफी देर तक पथराई आंखों से शंकर की पार्थिव देह को निहारती रहीं। उनके दोनों बेटों संजय और सुरेन्द्र ने पार्थिव देह को आखिरी बार साष्टांग प्रणाम कर अंतिम नमन किया। दोनों की आंखों के आंसू थम नहीं रहे थे। लोगों के अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार के लिये पूरे सम्मान के साथ शहीद शंकर की आखिरी यात्रा निकाली गई। अर्पित किये गए पुष्प चक्र शोकसभा स्थल पर अंतिम दर्शन के लिए रखी गई पार्थिव देह पर राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल ने गृह मंत्री भारत सरकार की ओर से पुष्प चक्र अर्पित किया। इसके बाद सांसद गणेश सिंह, विधायक नारायण त्रिपाठी ने पुष्प चक्र अर्पित किये। सीआईएसएफ के आईजी ने गृह सचिव भारत सरकार की ओर पुष्प चक्र अर्पित किए।
इसके पश्चात कलेक्टर अनुराग वर्मा, डीआईजी सीआईएसएफ ने डीजी सीआईएसएफ की ओर से, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, वरि. कमांडेन्ट सीआईएसएफ एमएस बिट्टा, कमांडेंट सीआईएसएफ ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद को सलामी दी। इसके पहले सलामी गारद ने शोक ध्वनि के बिगुल वादन के बीच शस्त्र उल्टे कर सलामी दी। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में इस दौरान योगेश ताम्रकार, संजय राय, श्रीकांत चतुर्वेदी, कैलाश गौतम, सत्यभान पटेल, संतोष सोनी सहित अन्य शामिल रहे। हर आंखें थी नम शंकर के गांव की सुबह रविवार को कुछ अलग थी। किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला था और हर परिवार शोक मग्न था। इस गांव को आने वाले हर रास्ते में शंकर के अंतिम दर्शन के लिए आने वाले लोग ही लोग नजर आ रहे थे। इनकी जुबान पर शंकर की वीरता के किस्से तो पाकिस्तान के प्रति नफरत और गालियां थीं। अंतिम संस्कार स्थल पर जैसी ही शहीद को मुखाग्नि दी गई वैसे ही हर आंखे नम हो गईं।
उमड़ा जनसैलाब उनके घर से शुरु हुई अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा। गांव की सड़क लोगों से भर गई थी। उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग अपने दालान, दुकान और घरों की छतों पर पर भी बड़ी संख्या में लोग खड़े रहे। हर कोई अपने इस बहादुर बेटे को श्रद्धांजलि दे रहा था। राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्ठि शहीद शंकर की पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्ठि की गई। तिरंगे में लिपटे शंकर को जवानों ने पूरे सम्मान के साथ चिता पर लिटाया। इसके बाद शहीद के साथ आई सैन्य टुकड़ी के कमांडेट वैभव दुबे ने तिरंगे को पार्थिव देह से अलग किया। तय प्रोटोकॉल के तहत करीने से तिरंगे को तह किया गया। इसके बाद वीरगति के दौरान पहन रखी वर्दी, कैप, बेल्ट और शूज को तिरंगे के साथ परिजनों को सौंपा गया। अंत्येष्टि के पहले सैन्य टुकड़ी ने तीन राउण्ड फायर कर श्रद्धांजलि अर्पित की। गूंज उठे भारत माता की जय के नारे शहीद शंकर की मुखाग्नि के साथ ही भारत माता की जय के नारे गूंज उठे। हजारों लोग नम आंखों से शंकर को पंच तत्व में विलीन होते देख रहे थे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे।