रीवा। गौसेवा के दावे भाजपा सरकार कर तो रही है लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की मनमानी से गौवंशों का दाना-पानी उन तक नहीं पहुंच रहा है। सत्ताधारी नेताओं के इशारे पर काम कर रहे अधिकारी-कर्मचारी गौवंशो को तड़पा-तड़पा कर मार रहे हैं, बीच में देश के एक बड़े अखबार दैनिक जागरण ने बसामन मामा गौशाला की पोल खोली थी लेकिन इसके बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ। हालात अब भी वहीं हैं। बता दें कि बसामन मामा गौशला में गौवंशों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं हैं, ऐसा आरोप लगाते हुए सोमवार को एसपी कार्यालय पहुंचे साधु महाराज ने शिकायत की है। कार्यवाही की मांग एसपी नवनीत भसीन से की गई है।
क्या है मामला…
साधु प्रशांत महाराज(पांडेय)ने बताया कि वह श्रीमद् भागवत कथा के लिए सेमारिया आए हुए थे, स्थानीय नेता से उन्होंने गौसेवा के लिए एक गाय की मांग की तो उन्होंने गौशाला में जाने की बात कही औ कहा कि यहां से आपको गाय मिल जाएगी। इसके बाद जब साधु अपने अन्य साथी साधुओं के साथ पहुंचे तो वहां के बत्तर हालात देख उनकी रूह कांप उठी, बताया कि तीन दिन से पानी नहीं आया था, जररेटर में डीजल नहीं होने की बात कर्मचारी कर रहे थे, गौवंश तड़प-तड़प कर मर रहे थे और इसकी वह वीडियो बनाने लगे तो वहां के कर्मचारियों ने साधुओं को कैद कर लिया और जमकर पिटाई की, जिसके बाद जब वहां के व्यवस्थापक आए तो उन्होंने सत्ताधारी नेताओं की धौंश दिखाते हुए साधुओ ने अभद्रता की और गाली-गलौच कर भगा दिया। जिसकी शिकायत सेमारिया थाना में की गई लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके बाद वह कार्यवाही की मांग करने एसपी नवनीत भसीन के पास पहुंचे।
अधिकारी नहीं देते ध्यान
बता दें कि गौशाला की जिम्मेदारी सेमारिया क्षेत्र के अधिकारियों को दी गई है लेकिन वरिष्ठ अधिकारी कभी यहां निरीक्षण करने नहीं जाते, जबकि साधु ने कहा कि कलेक्टर मनोज पुष्प व एसपी नवनीत भसीन खुद किसी दिन गौशाला का औचक निरीक्षण करे तो यहां की हकीकत खुद सामने आ जाती है, क्योंकि जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी गलत जानकारी देकर वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करते हैं। गौवंश के नाम पर लाखों रुपए का बंदरबांट हर माह किया जा रहा है। जिसकी जांच की जानी चाहिए। बता दें कि पूर्व में भी दैनिक जागरण द्वारा गौशाला में हो रही दुर्दशा को लेकर बड़ा खुलासा किया था। चौकाने वाली बात तो यह है कि इस मामले को लेकर न ही समाजसेवी आगे आए है और न ही कोई नेता, गौवंश की दुर्दशा को लेकर कोई भी आगे आने को तैयार नहीं है।
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