रीवा। वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त जिला बनाने का संकल्प स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिया गया है। इसको लेकर प्रयास भी किए जा रहे हैं। हाल ही में टीबी के मरीजों को कम करने इग्रा टेस्ट शुरु किया गया है। यह मशीन इस बीमारी को खत्म करने में कारगर साबित हो रही है। बता दें कि इस मशीन से 85 ऐसे लोगों को चिंहित कर लिया गया है जिनको भविष्य में टीबी हो सकती है। इनको टीबी न हो सके, इसके लिए अभी से इनका उपचार शुरु कर दिया गया है। बताया गया कि बीते कुछ माह पूर्व ही इस मशीन को जिला अस्पताल में टीबी प्रिवेंटिव प्रोग्राम के तहत इंटरफेरॉन गामा रिलीज ऐसे (इग्रा टेस्ट) शुरू किया गया है। जिसमें टीबी मरीज के संपर्कियों सहित अन्य संदिग्ध मरीजों की जांच की जाती है, ताकि उनको भविष्य में होने वाली इस बीमारी से सुरक्षित किया जा सके। बताया गया कि इस मशीन से 129 सेंपलों की जांच की गई, जिसमें 85 पॉजिटिव केस मिले हैं। यानि इनको भविष्य में टीबी हो सकता है। इनका उपचार अभी से शुरु कर दिया गया है। अब इन सभी को आगामी 6 महीने तक लगातार आइसोनियाजिड (आईएनएच) की एक गोली खिलाई जाएगी, ताकि संक्रमण को जड़ से खत्म किया जा सके।
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22-44 टेस्ट हो सकते हैं डेली
जानकारों की मानें तो इस इग्रा टेस्ट मशीन में रोजाना 22 सेंपल एक टाइम यानि 12 घंटे में जांचे जा सकते हैं। यानि कि 24 घंटे 22-44 सेंपलो की जांच इस मशीन से की जा सकती है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस मशीन से सेंपलो की जांच शुरु की गई है, अब इसे और गति देने की तैयारी में जिम्मेदार लगे हुए हैं ताकि किसी भी व्यक्ति को टीबी होने के पहले ही उसका पता लगाया जा सके और टीबी को जड़ से खत्म किया जा सके।
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पूरी तरह से वायरस खत्म करने का प्रयास
सरकार द्वारा 2025 तक टीबी को पूरी तरह से खत्म करने का प्रोग्राम चलाया जा रहा है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के अंदर यह वायरस निष्क्रिय बचा रहा और कुछ सालों बाद प्रभावित किया तो टीबी का संक्रमण फिर फैलना शुरू हो जाएगा। ऐसे हालात नहीं बनें, इसी को ध्यान में रखकर बड़े स्तर पर इग्रा टेस्ट की शुरुआत की गई है। एक बार वायरस पूरी तरह से खत्म हो गया तो टीबी पूरी तरह से खत्म हो सकती है।
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वर्जन
इग्रा टेस्ट में करीब 129 सेंपलों की जांच की गई है, जिसमें से 85 मरीज पॉजिटिव मिले हैं। यानि इनको गुप्त टीबी है। इग्रा टेस्ट छिपे वायरस की पहचान कर लेता है। आईएनएच की एक गोली छह महीने तक खाकर संक्रमण का खतरा समाप्त हो सकता है। 2025 तक जिला को टीबी मुक्त करने का संकल्प है।
डॉ. अनुराग शर्मा, जिला क्षय रोग अधिकारी
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