भोपाल/रीवा। नगरीय निकाय चुनाव को लेके नगर निगम रीवा में महापौर प्रत्याशी के रूप में अजय मिश्रा बाबा का नाम फाइनल कर दिया है। इस सूचना के बाद से ही महापौर की टिकट की दौड़ में शामिल कांग्रेसियों को बड़ा झटका लगा है। अब तक सिफारिश से मिलने वाली टिकट जब बाबा को मिली तो यह कहा जाने लगा कि बाबा को टिकट भी किसी बड़े नेता के करीबी होने पर मिली है। हालांकि मीडिया सूत्रों की माने तो बाबा को टिकट पूर्व सीएम व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा प्रदेश भर में कराए गए सर्वे के आधार पर मिली है। चर्चा है कि कमल नाथ ने इस चुनाव में संबंधों को बिल्कुल महत्व नही दिया और एक सर्वे कराया जिसमे जो कंडीडेट खरा उतरा उसे टिकट दी गई। रीवा से अजय मिश्रा बाबा सर्वे पर खरे उतरे और उनको महापौर प्रत्यासी बनाया गया। बता दें कि इस दौड़ में शहर अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू सहित अन्य कांग्रेस नेता भी थे जो कांग्रेस सरकार के समय अपने आप को पूर्व सीएम कमलनाथ का करीबी बताते कहे जाते थे और यह हल्ला भी था कि इन्ही को महापौर प्रत्यासी बनाया जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नही। करीबी का चोला पहन घूमने वालो को किनारे कर जनता की मांग को महत्व दिया गया है। मीडिया सूत्रों की माने तो 15 नगर निगमों में अपने महापौर प्रत्याशी घोषित कर भाजपा से आगे निकली कांग्रेस में कमलनाथ का सर्वे टिकट चयन का मुख्य आधार बना। 13 महापौर उम्मीदवार कमलनाथ के कहने पर तय हुए, जबकि भोपाल और देवास में दिग्विजय सिंह की बात मानी गई। सात साल बाद हो रहे निकाय चुनाव में पहली बार कांग्रेस में टिकटों को लेकर घमासान सतह पर नहीं आया। नाथ देवास से प्रवेश श्वेता अग्रवाल को टिकट देना चाहते थे, लेकिन दिग्विजय ने रमेश व्यास की नाथ से मुलाकत कराई और अड़कर कविता रमेश व्यास को टिकट दिलाया और इसी तरह भोपाल में पूर्व महापौर विभा पटेल को। बाकी 13 नगर निगमों इंदौर, कटनी, खंडवा, बुरहानपुर, सिंगरौली, रीवा, सतना, मुरैना, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, सिंगरौली नगर निगमों में महापौर पद के प्रत्याशी कमलनाथ के रहे। खास बात यह रही कि रतलाम का टिकट भी इसलिए घोषित नहीं किया गया कि यहां से कांतिलाल भूरिया प्रभु राठौर को टिकट दिलवाना चाहते हैं, जबकि नाथ के सर्वे में यहां से राजीव रावत का नाम सामने आया है।इसलिए रतलाम को होल्ड कर दिया गया है। अब यहां 15 जून तक नाम फाइनल हो पाएगा। टिकटों के वितरण में निमाड़ के दोनों नगर निगम का पेंच फंसा रहा। बुरहानपुर से पुराने कांग्रेसी व निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, पूर्व विधायक हमीद काजी, रविंद्र महाजन, रघुनाथ चौधरी और युवा चेहरा हर्षित ठाकुर की राय को तरजीह दी गई। यहां से इकलौते अल्पसंख्यक चेहरे शहनाज अंसारी को टिकट दिया गया। बुरहानपुर से अरुण यादव ने गौरी शर्मा का नाम सुझाया था। खंडवा नगर निगम से लक्ष्मी यादव का नाम था, लेकिन यहां से आशा मिश्रा विश्वकर्मा को मौका देकर नाथ ने सभी को चौंका दिया।