भोपाल/उज्जैन। सावन-भादौ माह में शिवलायों में भीड़ उमड़ेगी, अपने क्षेत्र के प्रसिंद्ध शिव मंदिरों के साथ-साथ दुनिया भर के शिव मंदिरों में लोग एक राज्य से दूसरे राज्य व एक जिले से दूसरे जिले में दर्शन के लिए जाते हैं। एमपी के कुछ प्रसिद्ध शिव मंदिरों में एक है विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर जहां श्रद्धालुओं का सैलाब उमाड़ता है। यदि आप भी इस मंदिर में जाने के लिए अपना प्लॉन कर रहे हैं तो हम आपको बता दें कि इस वर्ष कु बदलाव मंदिर की व्यवस्थाओं में किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या न हो। इस मंदिर में भगवान महाकाल के पट खुलने के समय में परिवर्तन किया जा रहा है। दरअसल 14 जुलाई से सावन मास शुरू हो रहा है। सोमवार को भगवान महाकाल की श्रावण मास की पहली सवारी 18 जुलाई सोमवार को मंदिर के सभा मंडप में पूजन के पश्चात नगर में भ्रमण के लिए रवाना होगी। वहीं 17 जुलाई रविवार को त्रिवेणी संग्रहालय में श्रावण उत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान गीत, संगीत तथा नृत्य की रस वर्षा होगी।
विश्राम के लिए मात्र 4 घंटे
सावन माह में उज्जैन के महाकाल भगवान का दर्शन करने के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी कई लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैैं। भक्तों को भगवान का दर्शन मिल सकें इसके लिए मंदिर के पट खोलने को लेकर समय में परिवर्तन किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 14 जुलाई से भस्म आरती के साथ पट खुलने का समय बदल जाएगा। सोमवार को भगवान महाकाल भक्तों को 20 घंटे दर्शन देंगे।
भस्म आरती रात 3 बजे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रावण-भादौ महिने के सामान्य दिनों में भस्म आरती के लिए रात 3 बजे से पट खुलेगें। वहीं प्रत्येक सोमवार को मंदिर के पट रात्रि 2:30 बजे से खुलेगें और रात्रि 11 बजे शयन आरती के पश्चात भगवान विश्राम करेंगे। वहीं मंदिर के पुजारियों ने मीडिया को बताया कि हमेशा से ही परंपरा रही है कि श्रावण मास में भगवान महाकाल भक्तों के लिए दो घंटे पहले जागते हैं। जल्दी पट खोलने की व्यवस्था इसलिए है कि बाबा के अधिक से अधिक भक्तों को दर्शन हो सकें।
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