रीवा। नगर निगम के द्वितीय चरण का परिणाम बुधवार को आ गया, जहां एक ओर 23 वर्षो से महापौर की कुर्सी पर कब्जाग जमाए भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा वहीं नगर निगम की परिषद् में भी बड़े उलट फेर हुए हैं, कई बड़े दिग्गज नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है, वहीं परिणाम ने भी भाजपा-कांग्रेस के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। भाजपा के जहां 18 सीटों पर पार्षद प्रत्यासी जीते हैं, वहीं कांग्रेस ने 16 सीटों पर कांग्रेस के पार्षदों को जीत मिली है। खास बात यह है कि परिषद् के मुख्य निर्णायक इस पंच वर्षीय में निर्दलीय प्रत्यासी है, क्योंकि 10 सीटों पर निर्दलीय प्रत्यासियों को जीत मिली है। अब यही तय करेंगे कि परिषद् में किसका बहुमत होगा, क्योंकि नगर निगम के महापौर की कुर्सी तो भाजपा के हाथ से जा चुकी है लेकिन अब वह अध्यक्ष की कुर्सी बचाने जोर-सोर में जुट गई है। हालांकि अध्यक्ष की कुर्सी की राह भी भाजपा के लिए आसान नहीं है क्योकि कई निर्दलीय पार्षद ऐसे भी हैं जिनको भाजपा ने ही बाहर का रास्ता दिखाया है। ऐसे में उनको मना पाना मुस्किल है। फिलहाल महापौर की कुर्सी पर अपना कब्जा जमा चुकी कांग्रेस का ही पलड़ा भारी दिख रहा है। क्योंकि एमआईसी में निर्दलीय 4 पार्षद लेने के बाद कांग्रस को तीन पार्षदों की और अवश्यकता होगी। जिसे आसानी से पूरा किया जा सकता है। बता दें कि निर्दलीय पार्षदो में कुछ ऐसे भी पार्षद जीते हैं जो भाजपा से निष्काषित हैं जैसे वार्ड 1 से जीती शिवराज वर्मा को भाजपा ने 6 वर्ष के लिए चुनाव के पूर्व ही निष्काषित किया था, वार्ड 5 से विजेता संजय सिंह संजू षित वार्ड 22 से विजेता के पति को भी भाजपा ने 6 वर्ष के लिए निष्काषित किया है। ऐसे में भले ही भाजपा कितना भी मान मनोव्वल करे यह नही जयेंगी ऐसा कहा जा रहा है क्योंकि इन्होंने अपने व्यक्तिगत ताकत व व्यवहार से चुनाव जीता है, भाजपा ने इन्हें चुनाव लड़ने योग्य व जीईटने योग्य नही माना था लेकिन इन्होंने चुनाव जीत कर दिखाया। कहा यह भी जा रहा है कि खुद वह सवाल कर रहे हैं कि किया वह हार जाते तो भाजपा उनको पार्टी में रखती तो वह कैसे भाजपा में जीत के बाद जा सकते हैं। यदि यह 3 पार्षद कांग्रेस को समर्थन करते हैं तो 4 और प्रत्यासी कांग्रेस को बहुमत के लिए चाहिए होंगे जिसमे 4 मुश्लिम पार्षद जो निर्दलीय विजेता हुए हैं वह भी कांग्रेस का दामन ही थामेंगे ऐसा कहा जा रहा है। निर्दलीय वार्ड 13 से पार्षद नम्रता सिंह बघेल ने हमेशा ही भाजपा की नीति का विरोध किया है, पूर्व मंत्री के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने वाली में से वह एक हैं, इसलिए उनका भी भाजपा को समर्थन देना मुश्किल है। वही वार्ड 28 से पार्षद ज्योति पासा भी कांग्रेस को समर्थन देंगी ऐसा कहा जा रहा है। क्योंकिं चर्चाओ में साफ कहा जा रहा है कि निर्दलीय प्रत्यासी कांग्रेस को ही समर्थन करेंगे क्योंकि जब महापौर के पास से एमआईसी में कुछ पास होगा तभी परिसद तक जाएगा एयर वार्ड के विकास के लिए ही लोंगो ने चुनाव लड़ा है ऐसे में वह उस रास्ते को ही चुनेंगे जहा से उनके वार्ड का विकास हो। यदि कांग्रेस का बहुमत परिसद में होता है तो कांग्रेस में अध्यक्ष पद के दावेदार में रमा दुबे, नजमा बेगम, सूफिया बेगम, धनेंद्र सिंह, आरती बाक्सरिया सहित अन्य शामिल हैं।
पूर्व मंत्री के वार्ड में फिर हारी भाजपा
बता दें कि भाजपा पार्टी में जब प्रबोध व्यास को टिकट मिली तो कहा जा रहाथा कि पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के गारंटी पर उन्हें टिकट मिली है और उन्होंने ही जीत की गारंटी ली है लेकिन इस बार महापौर की कुर्सी को लेकर ली गई गारंटी फेल हो गई और महापौर सीट तो भाजपा हार ही गई बल्कि पूर्व मंत्री के वार्ड में भाजपा को दोबारा हार का सामना करना पड़ा और कांग्रेस ने यहां भी भाजपा को करारा झटका दिया है।
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पूर्व ननि अध्यक्ष को निर्दलीय ने हराया
बता दें कि पूर्व नगर निगम अध्यक्ष सतीश सोनी ने भी इस वर्ष अपने पूर्व के वार्ड को छोड़कर वार्ड क्रमांक 21 से चुनाव लड़ा था लेकिन यहां पूर्व पार्षद के पति संजय खान से उनको करारी हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा भी पूर्व एमआईसी सदस्य के पति भोला प्रसाद वर्मा वार्ड 19 से, पूर्व पार्षद व राज्य सभा सांसद के पुत्र कांग्रेस से सज्जन पटेल, पूर्व पार्षद के पुत्र मानवेन्द्र द्विवेदी वार्ड 13 को हार मिली है।
परिजनों को दिया मौका
कई पूर्व पार्षदों ने अपने जगह पर अपने घर के सदस्यों को चुनाव में खड़ा किया था उनमें भाजपा के कई पूर्व पार्षदों के परिजनों को जनता ने इस पंच वर्षीय भी मौका दिया जिसमें वार्ड क्रमांक 7 में पूर्व पार्षद की पत्नी अर्चना शिवदत्त पांडेय, वार्ड क्रमांक 9 पूर्व पार्षद की माता विमला सिंह, वार्ड क्रमांक 10 पूर्व पार्षद पति वीरेन्द्र सिंह पटेल, पूर्व पार्षद पति वार्ड क्रमांक 20 दीनानाथ वर्मा को मौका मिला है। वहीं कांगे्रस की बात करें तो यहां भी कई पूर्व पार्षदों के परिजनों को जनता ने मौका दिया है, जिसमें पूर्व पार्षद पुत्र वार्ड क्रमांक 6 धनेन्द्र सिंह, पूर्व पार्षद की पत्नी वार्ड क्रमांक 11 में रश्मि विनोद शर्मा, वार्ड 15 पूर्व पार्षद की पत्नी नीतू अशोक पटेल, पूर्व पार्षद 27 के पुत्र मनीष नामदेव, पूर्व पार्षद पति वार्ड 26 ऋषिकेस स्वतंत्र शर्मा, पूर्व पार्ष वार्ड 23 पत्नी सफीकुन शहनाज अंसारी, पूर्व पार्षद की पत्नी वार्ड क्रमांक 37 से गायत्री लखनलाल खंडेलवाल पर जनता ने भरोसा जताया है। निर्दलीय में वार्ड क्रमांक 5 पूर्व पार्षद के पुत्र संजय सिंह, पूर्व पार्षद पति वार्ड क्रमांक 21 से संजय खान को मौका मिला है।
इन पूर्व पार्षदों को फिर मिला मौका
नगर निगम की छठवीं परिषद् में कई पुराने चेहरे भी जीत का शहरा बांध पहुंचे है, इनमें एक बार पहले भी चुनाव जीत चुके धनेन्द्र सिंह, एक बार जीत चुके वीरेन्द्र सिंह पटेल, दूसरी बार लगातार नम्रता सिंह, एक बार पहले जीत चुकी रमा दुबे, चौथी बार लगातार नजमा बेगम, दूसरी बार लगातार सूफिया बेगम, तीसरी बार लगातार व्यंकटेश पांडेय, दो बार पहले जीत चुके दीनानाथ वर्मा, तीसरी बार लगातार वंदना सिंह, दूसरी बार लगातार गंगा प्रसाद यादव, दूसरी बार लगातार आरती बक्सरिया, एक बार जीत चुके सूरज केवट, एक बार जीत चुके गुलाम अहमद खान को जनता ने मौका दिया है।
वार्डवार विजेता प्रत्सासी व निकटतम
वार्ड जीते हारे
1 शिवराज रावत(निर्दलीय) पूर्णिमा रावत (भाजपा)
2 ममता कुशवाहा(भाजपा) प्रियंका (कांग्रेस)
3 सपना वर्मा(भाजपा) सीमा सिंह(निर्दलीय)
4 दारा सिंह(भाजपा) अमित कुमार(कांग्रेस)
5 संजय सिंह(निर्दलीय) अरूण तिवारी(भाजपा)
6 धनेन्द्र सिंह(कांग्रेस) प्रभात दीक्षित(भाजपा)
7 अर्चना पांडेय(भाजपा) मीना सिंह(आप) 8 अनीता वर्मा(कांग्रेस) सरोज (भाजपा)
9 विमला सिंह(भाजपा) ऋचा त्रिपाठी(कांग्रेस)
10 वीरेन्द्र पटेल(भाजपा) ओमप्रकाश मिश्रा(आप)
11 रश्मि विनोद शर्मा(कांग्रेस) शशि सिंह(भाजपा)
12 ज्योति सिंह(भाजपा) सावित्री(कांग्रेस)
13 नम्रता संजय सिंह(निर्दलीय) मानवेन्द्र द्विवेदी(भाजपा)
14 रविशंकर तिवारी(कांग्रेस) प्रकाश श्रीवास्तव(भाजपा)
15 नीतू अशोक पटेल(कांग्रेस) सुशीला पटेल(भाजपा)
16 सालिकराम नापित(भाजपा) सज्जन पटेल(कांग्रेस)
17 वंदना सिंह(भाजपा) ऊषा विश्वकर्मा(कांग्रेस)
18 अम्बुज रजक(भाजपा) दिनेश सेन(कांग्रेस)
19 समीर शुक्ला(भाजपा) भोला प्रसाद वर्मा(निर्दलीय)
20 दीनानाथ वर्मा(भाजपा) जाकिर हुसैन(कांग्रेस)
21 संजय खान(निर्दलीय) सतीश सोर्नी(भाजपा)
22 पूजा (निर्दलीय) सरस्वति गुप्ता(भाजपा)
23 रफीकुन शहनाज अंसारी(कांग्रेस) शिवा पांडेय(भाजपा)
24 व्यंकटेश पांडेय(भाजपा) सब्बीर शाह(आप)
25 जरीना बेगम(कांग्रेस) सुधा तिवारी(भाजपा)
26 स्वतंत्र शर्मा(कांग्रेस) कृष्ण कुमार(निर्दलीय)
27 मनीष नामदेव(कांग्रेस) शंकर साहनी(भाजपा)
28 ज्योति पासा(निर्दलीय) अमर(निर्दलीय)
29 ज्योति नामदेव(भाजपा) पूजा सराफ(कांग्रेस)
30 रूकसाना(निर्दलीय) नीता(भाजपा)
31 रमा दुबे(कांग्रेस) श्रद्धा ठारवानी(भाजपा)
32 सरस्वति(भाजपा) कमरूह निशा(कांग्रेस)
33 नजमा बेगम(कांग्रेस) नसरत खान(निर्दलीय)
34 सूफिया बेगम(कांग्रेस) अब्दुल रहीम(भाजपा)
35 अख्तर(भाजपा) बेबी नाज(निर्दलीय)
36 सूरज केवट(भाजपा) धीरेन्द्र सिंह(कांग्रेस)
37 गायत्री खंडेलवाल(कांग्रेस) मंजू(भाजपा)
38 राजबहोर(भाजपा) मुनुआ साकेत(कांग्रेस)
39 आरती बक्सरिया(कांग्रेस) सरोज बंसल(भाजपा)
40 नीलू कटारिया(निर्दलीय) लक्ष्मी बंसल(कांग्रेस)
41 सूफिया बानो(निर्दलीय) कोमल वर्मा(भाजपा)
42 गुलाम अहमद(निर्दलीय) जहीदा बेगम(कांग्रेस)
43 शांति(निर्दलीय) रेखा शर्मा(कांग्रेस)
44 अर्चना मिश्रा(कांग्रेस) पुनीता(भाजपा)
45 गंगा प्रसाद यादव(कांग्रेस) परमसुश(भाजपा)
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