रीवा। अब सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की अनदेखी अधिकारियों पर भारी पड़ेगी। कलेक्टर ने सख्ती दिखाई है। अधिकारियों ने यदि समय पर शिकायतें निराकृत नहीं की तो उन पर 2 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। कलेक्टर मनोज पुष्प ने जिला अधिकारियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में बरती जाने वाली लापरवाही को गंभीरता से लिया है और इस पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि कुछ अधिकारियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को देखा तक नहीं जाता। इससे शिकायतें बिना निराकरण के अगले लेवल तक पहुंच जाती हैं। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार लोक सेवा गारंटी अधिनियम में समय सीमा में सेवा न देने पर जुर्माने का प्रावधान है। ठीक उसी तरह सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों को अटेन्ड न करने के कारण एक प्रकरण में 100 रूपये तथा अधिकतम 2 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जायेगा। कलेक्टर ने कहा है कि सभी जिला अधिकारी सुनिश्चित करें कि कोई भी शिकायत बिना अटेन्ड किये अगले स्तर पर न जाय। निचले स्तर पर ही शिकायतों का निराकरण न करने की स्थित में निर्धारित किये गये जुर्माने की कार्यवाही की जायेगी और वसूली गयी राशि जिला रेडक्रास सोसायटी रीवा में जमा करायी जायेगी।
कार्यपालन यंत्री एवं जेडी का वेतन राजसात का नोटिस
कलेक्टर मनोज पुष्प ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण न करने एवं लापरवाही बरतने तथा विभाग को लगातार डी-ग्रेड प्राप्त होने पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री मनोज तिवारी को 7 दिवस का वेतन राजसात करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने योजना एवं आर्थिक सांख्यकी विभाग के संयुक्त संचालक राजेश साकेत द्वारा सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का समय सीमा के अंदर निराकरण न करने पर एक सप्ताह का वेतन राजसात करने तथा सेवा में ब्रोक करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण में रूचि न लेने पर असंतोष व्यक्त करते हुए चेतावनी दी है कि संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।