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रीवा। नगर निगम की छठवीं परिसद में किसका बहुमत होगा इसको लेके असमंजस की स्थिति है। जहां एक तरफ भाजपा ने 7 निर्दलीय पार्षदो को अपनी ओर शामिल कर उन्हें सपथ दिलाई और बहुमत का दावा कर रही है वही कांग्रेस भाजपा में शामिल हुए पार्षदो को अपने पक्ष में वोट करने का दावा कर रही हैं। दोनो ही दावों में कितनी हकीकत है यह तो वक़्त ही बताएगा लेकिन गुरुवार को सपथ लेने के बाद भाजपा व निर्दलीय पार्षद जिन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है उनका अचानक से शहर छोड़कर जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। मामले को लेके तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। कहा जा रहा है कि महापौर की कुर्सी पर कब्जा जमाने वाले अजय मिश्रा बाबा का डर भाजपाईयो में कुछ इस तरह से समाया है कि उनके द्वारा महाराष्ट्र और एमपी में सरकार बनाने के लिए किया गया प्रयोग रीवा नगर निगम की परिसद में बहुमत लाने के लिए शुरू कर दिया है।
क्या है मामला…
जानकारी के मुताबिक गुरुवार को सपथ लेने के बाद भाजपा व निर्दलीय पार्षद जिन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है। उनके द्वारा कलेक्ट्रेट में सपथ लेने के बाद सीधे चन्द्रलोक होटल पहुंच गए। जहा से उन्हें लग्जरी बसों में सवार कर लिया गया और तीर्थ यात्रा के लिए रवाना कर दिया गया। कोई यह कह रहा था कि ओरछा जाना है तो कोई यह कह रहा था कि तीर्थ दर्शन के लिए निकले है। हंसी की बात यह है कि इन लग्जरी बसों में सवार होकर निकले इन पार्षदो को खुद नही पता था कि वह जा कहा रहे हैं। बस में सवार 25 पार्षदो में एक दो पूर्व मंत्री के खास पार्षदो को छोड़ बाकी कोई नही जानता था कि वह कहा जा रहे हैं और जो जान भी रहा था तो गोलमोल जबाब दे रहे थे। हालांकि बताया यह गया कि वह सब श्री राम जी के दर्शन करने ओरछा जा रहे हैं और यह कार्यक्रम भाजपा के द्वारा आयोजित किया गया है जिसमे कुछ पार्षद परिवार के साथ भी गए हैं।
क्रॉस वोटिंग का खतरा
बता दें कि भाजपा पार्षदो का इस प्रकार से शहर के बाहर जाना के सवाल खड़े कर रहा है। चर्चा यहां तक होने लगई है कि भाजपा को परिसद में क्रॉस वोटिंग का डर है जिसके चलते वह रिश्क़ नही लेना चाहती और पार्षदो को घुमाने के बहाने ले गए अब पार्षद जहा भी गए है वह भाजपा की मर्जी से रहेंगे, किसी से किसी जा कोई संपर्क नही होने दिया जाएगा। इसीलिए पार्षदो के परिवार को भी ले जाया गया है। वहीं कांग्रेस का दावा है कि भाजपा में शामिल हुए निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के साथ हैं इसलिए उनको बंधक बना लिया गया है और रीवा से बाहर ले जाकर दबाव बनाया जा रहा है। हकीकत जो भी हो लेकिन इस प्रकार से पार्षदो का गायब होना समझ के परे है।