रीवा। जिले में शासकीय कन्या विश्वविद्यालय खुलने की आस बुझने लगी है। जिले के चार विधायकों ने साल भर पहले मप्र विधानसभा में अशासकीय संकल्प पारित कराया था, जिस पर कुछ नहीं हुआ। इधर एक वर्ष गुजर गया और नया शैक्षणिक सत्र भी प्रारम्भ हो गया, परंतु रीवा में कन्या विश्वविद्यालय को लेकर विभागीय स्तर पर कोई चर्चा नहीं है। यानि प्रदेश सरकार ने अपनी ही पार्टी के विधायकों के इस संकल्प को महत्व नहीं दिया।
विदित हो कि गत वर्ष जुलाई 2021 में गुढ़ विधायक नागेंद्र ङ्क्षसह, मऊगंज विधायक प्रदीप ङ्क्षसह पटेल, त्योंथर विधायक श्यामलाल द्विवेदी व सिरमौर विधायक दिव्यराज सिंह ने इस बाबत पत्राचार किया था। इन विधायकों ने विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 117 के अधीन यह संकल्प प्रस्तुत कराया। विधायकों की इस कार्यवाही का उत्तर सदन में 2 अगस्त को दिया गया। उस समय विधायकों की इस पत्राचार कार्यवाही से उच्च शिक्षा विभाग भी सक्रिय हुआ और कन्या विश्वविद्यालय खोलने संबंधी आवश्यक जानकारी संकलित की गई। आखिर में उक्त सारी कार्यवाही रद्दी की टोकरी में चली गई।
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छात्रों की तुलना में 2860 छात्राएं अधिक
उस समय एडी रीवा ने विभाग को जानकारी दी थी कि जिले के 16 सरकारी व अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में 30 हजार 612 विद्यार्थी हैं। इनमें से 13 हजार 876 छात्र हैं और 16 हजार 736 छात्राएं हैं, जिनकी संख्या छात्रों की तुलना में 2860 अधिक है। अर्थात् जिले के महाविद्यालयों में अध्ययनत् कुल विद्यार्थियों में से 60 प्रतिशत छात्राओं की संख्या है।
वर्षों से उठ रही है मांग
विधायकों के पत्राचार और एडी रीवा द्वारा दिए गए जवाब से जिले में कन्या विश्वविद्यालय खुलने की उम्मीद जगी, लेकिन कार्यवाही न होने से अब छात्राएं फिर निराश होने लगी हैं। बताते चलें कि करीब ढाई साल पहले कांग्रेस की सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री ने नवीन कन्या महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी कर दी थी, जो सरकार बदलने के बाद पूरी नहीं हो सकी। विभाग ने उस समय भी कन्या महाविद्यालय खोलने संबंधी प्रस्ताव की जानकारी मांगी थी।
छात्राओं के अनुपात मेें कम पद स्वीकृत, पदस्थ शिक्षक उससे भी कम
जिले में इकलौते शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना 1961 में हुई थी। चूंकि स्थापना के समय छात्राओं की संख्या 1 हजार से कम थी, लिहाजा महाविद्यालय की स्थापना 1961 में हुई थी। चूंकि स्थापना के समय छात्राओं की संख्या 1 हजार से कम थी, लिहाजा महाविद्यालय में प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के मिलाकर 60 पद स्वीकृत किए गए। अब महाविद्यालय में छात्राओं की संख्या 6 हजार 700 से अधिक हैं। यानि छात्राओं की संख्या के अनुपात में महाविद्यालय में नियमित शिक्षक के स्वीकृत पद की संख्या ही बहुत कम है। इस पर भी वर्तमान में महाविद्यालय में केवल 40 के लगभग नियमित शिक्षक ही पदस्थ हैं। बताते हैं कि महाविद्यालय में 4 संकाय के अंतर्गत 16 शैक्षणिक विभाग हैं। गणित विभाग को छोड़कर प्रत्येक विभाग में स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित हैं। अब यूजीसी के मापदण्ड के अनुसार बात करें तो प्रत्येक विभाग में 10 नियमित शिक्षक अर्थात् महाविद्यालय में न्यूनतम 160 नियमित शिक्षक के पद स्वीकृत होने चाहिए। हालांकि अभी हाल ही में राज्य शासन ने नियमित शिक्षक के 5 नये पद स्वीकृत करने का उपकार जिले के एकमात्र कन्या महाविद्यालय पर किया है।
वर्जन
शासकीय रूप से अभी कार्यवाही नहीं हुई है। अगले महीने विधानसभा का सत्र आयोजित होना है। हम आश्वासन समिति में जायेंगे, वहां से अनुशंसा हो जायेगी तो विश्वविद्यालय खुलने का काम फिर हो जायेगा।
नागेंद्र ङ्क्षसह, विधायक गुढ़
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फैक्ट फाइल
जिले में सरकारी महाविद्यालय- 16
इन महाविद्यालयों में छात्रों की संख्या- 13876
छात्राओं की संख्या- 16736
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