रीवा। अवधेश प्रताप विश्वविद्यालय छात्रों को अब ऑनलाइन प्रवजन प्रमाण पत्र (माइग्रेशन) उपलब्ध करायेगा। इस बाबत व्यवस्था बना ली गई है। छात्रों को पहले की भांति प्रवजन प्रमाण पत्र हेतु ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ऑनलाइन आवेदन के 24 घंटे बाद छात्रों को प्रवजन प्रमाण पत्र अपलोड हो जायेगा, जिसे छात्र कहीं से भी ऑनलाइन डाउनलोड कर सकेंगे। डाउनलोड करते हुए छात्र द्वारा आवेदन में दिए गए पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर ओटीपी आयेगा। यह ओटीपी दर्ज करते ही छात्र का प्रवजन प्रमाण पत्र डाउनलोड हो जायेगा। अच्छी बात यह है कि इस सुविधा के लिए फिलहाल विश्वविद्यालय कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले रहा है। इस प्रकार अब प्रवजन प्रमाण पत्र के लिए छात्रों को विश्वविद्यालय में नहीं भटकना पड़ेगा। गौरतलब है कि रीवा विश्वविद्यालय का क्षेत्र रीवा व शहडोल सम्भाग के सभी सात जिलों तक हैं, जहां विश्वविद्यालय से सम्बद्ध करीब दो सौ से ज्यादा सरकारी व गैर सरकारी महाविद्यालय संचालित हैं। इन महाविद्यालयों में सवा लाख से अधिक छात्र पढ़ते हैं, जिनमें से प्राय: प्रतिवर्ष 30 हजार के लगभग छात्र प्रवजन प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते हैं। स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री पूरी होने के बाद किसी अन्य विश्वविद्यालय में प्रवेश के समय उक्त प्रमाण पत्र की जरुरत छात्रों को पड़ती है। अभी ऑनलाइन आवेदन करने के बाद सिंगरौली, उमरिया से लेकर शहडोल, सीधी व रीवा के छात्र भी प्रवजन प्रमाण पत्र के लिए विश्वविद्यालय में भटकते रहते थे, जिन्हें अब कुछ राहत मिल सकती है।
विशेष परिस्थिति में होगी दिक्कत- बताते हैं कि किसी विश्ेाष परिस्थिति में ही छात्र का ऑनलाइन प्रवजन प्रमाण पत्र जनरेट होने में दिक्कत आ सकती है। ऐसी स्थिति में छात्र को मूल अंकसूची समेत विश्वविद्यालय पहुंचना पड़ेगा, जहां मूल अंकसूची व ऑनलाइन आवेदन का सत्यापन करने के बाद छात्र का प्रवजन प्रमाण पत्र पूर्व की भांति जारी होगा।
शीघ्र ही ऑनलाइन डिग्री भी मिलेगी- बताया गया कि विश्वविद्यालय ने दो महीने पहले इस बाबत पहल शुरू की थी। तब ऑनलाइन माइग्रेशन व डिग्री दोनों एक साथ देने की प्रक्रिया अपनाई गई थी, लेकिन किसी कारणवश अभी ऑनलाइन माइग्रेशन देने में ही सफलता मिल पाई है। दो महीने से उक्त प्रक्रिया प्रायोगिक परीक्षण में रही, जो अब सफल कही जा रही है। शीघ्र ही इसी तरह ऑनलाइन डिग्री देने की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय बना रहा है।
वर्जन
ऑनलाइन माइग्रेशन जारी करने की व्यवस्था हो गई है। छात्र कहीं से भी ऑनलाइन आवेदन करने के बाद ऑनलाइन ही माइग्रेशन प्राप्त कर सकते हैं। अब छात्रों को डिग्री भी ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं, ताकि यहां विश्वविद्यालय आकर छात्रों को न भटकना पड़े।
डॉ सुरेंद्र प्रताप ङ्क्षसह परिहार, कुलसचिव
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