रीवा। कांग्रेस नेता एवं पूर्व पार्षद सोहन सिंह ने रीवा के पूर्व महापौर शिवेन्द्र सिंह के द्वारा जारी वयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा महापौर के ऊपर लगाये गये आरोप मिथ्या एवं राजनीति से प्रेरित है। सिंह ने कहा कि असल मुद्दा महापौर व अध्यक्ष के अधिकारों को लेकर नहीं है मुद्दा है पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक के तीन सौ किये गये बिना वर्क आर्डरों के भूमि पूजन के कार्यो का है जिसको लेकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए पूर्व महापौर एवं नेता प्रतिपक्ष के ऊपर दबाव बनाकर जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास बयान दिलवाकर करा रहे हैं। पूर्व पार्षद सोहन सिंह ने कहा कि महापौर अजय मिश्रा ‘बाबाÓ सभी 45 वार्डो के पार्षदों का सम्मान करते हैं व मैत्री पूर्ण व्यवहार रखते हैं। वर्तमान महापौर को 45 वार्डो के सम्माननीय मतदाताओं ने चुना है वो सभी के जनसेवक है महापौर की जीत को रीवा विधायक पचा नहीं पा रहे है। सिंह ने कहा कि नगर निगम सभापति व्यंकटेश पाण्डेय बहुत ही सुलझे व्यक्ति है वो भी रीवा का विकास चाहते हैं लेकिन भाजपा के कद्दावर नेता के हठधर्मिता के चलते वो भी अपने मन मुताविक कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सिंह ने कहा कि विकास के साथ-साथ पूर्व मे नगर निगम के अन्दर हुए भ्रष्टाचार को उजागर करना महापौर की नैतिक जिम्मेदारी है जिससे दोषी अधिकारियों पर नकेल लग सके। अभी बहुत सारे भ्रष्टाचार के मुद्दे है जो उजागर होने की प्रक्रिया मे हैं। पूर्व पार्षद सोहन सिंह ने आगें कहा कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किये गये भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए भाजपा सरकार में रीवा से लेकर भोपाल तक गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई न हुई विवश होकर म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका लगाई है जो विचाराधीन है। सिंह ने कहा कि भाजपा शासन काल में नगर निगम का महापौर कद्दावर नेता का रबर स्टाम्प हुआ करता था जिसके चलते सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार स्वास्थ्य विभाग मे हुआ है जिसके जिम्मेदार कार्यपालन अधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारी है। पूर्व पार्षद ने बताया कि 20.75 लाख का टेन्टर 500 नग हाथ ठेला सप्लाई का हुआ था जिसकी समयावधि 30 दिवस थी लेकिन 9 माह व्यतीत हो जाने के बाद अभी तक 137 नग हाथ ठेला सप्लाई किया गया है वहीं अब कुछ पुराने हाथ ठेलों का रंग रोगन करके सप्लाई का खेल चल रहा है, इस पूरे खेल में स्थानीय विधायक की संलिप्तता को नकारा नहीं जा सकता?
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