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रीवा।अफ्रीकन स्वाइन फीवर सुअरों की जान ले रहा हे।सोमवार को शहर की सड़कों के किनारे 54 सुअर मरे मिले। नगर निगम ने इन्हें डिस्पोज किया। वहीं दूसरी तरफ पशु चिकित्सा विभाग इनके खात्में में लगा है। सोमवार को तीन सुअरों को दवा देकर मारा गया। अब तक 25 की जान दवा देकर ली गई है। अफ्रीकन स्वाइन फीवर से रीवा के सुअर संक्रमित हुए हैं। चार वार्डों में इसकी पुष्टि हुई है। इन वार्डों के सुअरों को मारने का काम चल रहा है। पशु चिकित्सा विभाग वार्डों में पहुंच कर सुअर मार रही है लेकिन पशु पालकों का सहयोग नहीं मिलने से अभियान धीमा है। अब तक सिर्फ 25 को ही मौत का इंजेक्शन दिया जा सकता है। मंगलवार को भी वार्ड 15 में सुअरों को मारने पशु विभाग की टीम पहुंची। बाड़ों में सुअर नहीं मिले। वार्ड में पहले सुअरों को पकड़ा गया फिर जाकर उन्हें दवा दी गई। इस पूरी प्रक्रिया में ज्यादा समय लगा। हालांकि यह अभियान पिछले एक सप्ताह से चल रहा है। पहले दिन ही सिर्फ 12 सुअर मारने में विभाग सफल रहा लेकिन इसके बाद दो से तीन के बीच ही आकड़ा सिमट कर रह गया है। सुअर पालक बाड़ों से उन्हें भगा दे रहे हैं। यही वजह है कि इनके खात्में में अधिक वक्त लग रहा है।
10 हजार से अधिक सुअर हैं
रीवा में सभी वार्डों में सुअर पालक हैं। सबसे अधिक रानीतालाब क्षेत्र में सुअरों की संख्या है। इसके अलावा वार्ड 14, 15 में भी इनकी भरमार है। वार्ड 44 सहित चार वार्डों को रेड जोन भी घोषित किया गया है। पहले चरण में इन्हीं वार्डों को सुअर से मुक्त करना है। सभी सुअरों को मारने का अभियान चलाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो रीवा नगर निगम क्षेत्र में सुअरों की संख्या 10 हजार के करीब है। अब तक सिर्फ ढ़ाई हजार तक ही इनकी मरने की पुष्टि हुई है। अभी करीब 7 हजार से अधिक सुअर बांकी है।
एक दिन में 200 से अधिक मर रहे थे
स्वाइन फीवर के शुरुआती दौर में सुअरों के मौत का आंकड़ा ज्यादा था। तब हर दिन 200 से अधिक सुअर एक दिन में मर रहे थे। हालांकि अब यह आंकड़ा घटा है लेकिन बंद नहीं हुआ है। वार्डों से एक दिन में नगर निगम के पास 50 से ऊपर सुअरों के मरने की सूचना पहुंच रही है। रविवार को 51 तो सोमवार को 54 सुअर नगर निगम ने शहर की सड़कों से मृत हालत में उठाए। इनमें वार्ड 9 और वार्ड 44 शामिल रहा।
सेम्पल लेकर टीम जाएगी भोपाल
चार वार्डों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर की पुष्टि हुई है। अब अन्य वार्डों में भी सर्वे चल रहा है। इसके अलावा नगर परिषदों में भी सेम्पल लिए जा रहे हैं। गोविंदगढ़, बैकुंठपुर सहित नगर निगम के 8 वार्डों से सेम्पल भी लिया गया है। एक साथ ही सेम्पल भोपाल भेजा जाएगा। इन सेम्पल को मंगलवार या बुधवार को भोपाल भेजा जा सकता है। यदि 31अगस्त को भोपाल में अवकाश हुआ तो सेम्पल बुधवार को भेजा जाएगा। 1 या 2 सितंबर को रिपोर्ट आने की संभावना है।
सुअरों का अंत ही बीमारी के खात्मे का है अंतिम विकल्प
रीवा के सुअरों में मिली अफ्रीकन स्वाइन फीवर का अंत इनकी मौत के बाद ही खत्म होगा। यह फीवर इतना खतरनाक है कि सुअरों की जान लेकर ही जाता है। इसके संक्रमण का दायरा अधिक होता है। यह संक्रमित क्षेत्र से 9 किमी के दायरे में असर छोड़ता है। इसका इलाज भी नहीं है। यही वज है कि सुअरों की मौत ही इस बीमारी के खात्में का अंतिम विकल्प है। अन्य वार्डों में इस बीमारी की पुष्टि हुई तो पूरे शहर में इन्हें मारने का अभियान चलेगा।
आज कलेक्ट्रेट में होगी सुअर पालकों के साथ बैठक
सुअर पालकों के जीविकोपार्जन के लिए नए व्यवसाय से जोडऩे की कोशिश की जा रही है। इसके लिए उन्हें योजनाओं के तहत ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। सुअर पालकों के साथ एक बैठक मंगलवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित की जाएगी। बैठक मेें रीवा नगर निगम के सुअर पालक, नगर निगम कमिश्रर, जेडी पशु चिकित्सा सेवाएं सहित बैंक के मैनेजर, अधिकारी मौजूद रहेंगे। बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर करेंगे।
वर्सन….
सुअर पालकों को नए व्यवसाय से जोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। जिससे इनका जीविकोपार्जन चल सके। नगर निगम सहित बैकुंठपुर, गोविंदगढ़ से सेम्पल लिए गए हैं। भोपाल जांच के लिए भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद अन्य विभागों में अभियान चलाया जाएगा।
डॉ राजेश मिश्रा
संयुक्त संचालक, पशु स्वास्थ्य सेवाएं रीवा