रीवा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में जेआर, एसआर की भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां न्यूरोलॉजी, नियोनेटॉलाजी और रेडियोलॉजी में जेआर, एसआर की भर्ती की गई लेकिन काम कहां कर रहे हैं। किसी को पता ही नहीं। अस्पताल में रिपोर्टिंग ही नहीं किए। मिसिंग है लेकिन भुगतान जारी है। हद तो यह है कि हाल ही में 18 अगस्त को नियोनेटॉलाजी में दो नए जेआर की नियुक्ति की गई है। इनकी भर्ती संदेह के दायरे में है। इस विभाग में चार एसआर पहले ही पदस्थ थे, वह भी लापता है। बिना विशेषज्ञ के इन जेआर, एसआर की भर्ती और नियुक्ति भी सवालों में है। श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से जेआर, एसआर की भर्ती में फर्जीवाड़ा चल रहा है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के नाम पर भर्तियां तो की जा रही लेकिन काम कहीं और लिया जा रहा है। हद तो यह है कि ऐसे विभागों में भी जेआर, एसआर की भर्ती कर दी गई है जो सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शुरू ही नहीं हो पाई है। नियोनेटॉलाजी विभाग के लिए अब तक विशेषज्ञ ही नहीं मिल पाए हैं और यहां जेआर, एसआर भर्ती कर दिए हैं। महीने में इन्हें स्टायपेंड का भुगतान भी किया जा रहा है। रेडियोलॉजी, न्यूरोलॉजी विभाग में भर्ती किए गए जेआर, एसआर महीनों से गायब है। सुपर स्पेशलिटी में आमद तक दर्ज नहीं कराई लेकिन इनका भुगतान हो रहा है। यह डॉक्टर कहां है किसी को पता ही नहीं है। हद तो यह है कि एक तरफ जहां सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती मरीज डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इस तरह का फर्जीवाड़ा कर शासन को चपत लगाई जा रही है। यह सारा लाभ डॉक्टरों के रिश्तेदारों और चिरपरिचितों को पहुंचाई जा रही है। इस खुलासे ने एक बड़े फर्जीवाड़े की तरफ इशारा किया है।
अगस्त में इनकी की गई है नियुक्ति
18 अगस्त को इंटरव्यू के बाद डॉ आलोक सिंह चौहान पिता गोविंद नारायण सिंह द्वारिका नगर रीवा, कार्डियक सर्जरी, डॉ श्वेता मुल्तानी पिता विनोद कुमार मुल्तानी हरिओम अपार्टमेंट रानीतालाब, कार्डियक सर्जरी, डॉ शिव सिंह मांझी, पिता हरदास मांझी प्रभात नर्सरी स्कूल के पास गुढ़ चौराहा नियोनेटोलॉजी, डॉ आयेशा खान पिता मोहम्मद शकील खान पिता मनं. 25 बाण सागर कालोनी को नियोनेटॉलाजी विभाग में जेआर के पद पर पदस्थ किया गया है। इन्हें महीने में 53 हजार रुपए का स्टायपेंड दिया जाएगा। नियुक्ति के बाद यह भी लापता हैं।
इन विभागों में पहले ही की गई नियुक्ति
सिर्फ यह चार नियुक्तियां ही नहीं हुई। इसके पहले भी न्यूरोलॉजी विभाग में 2 जेआर और 4 एसआर की नियुक्ति आदेश जारी किए जा चुके हैं। यह भी अब तक कई महीने गुजरने के बाद भी विभाग में आमद दर्ज नहीं करा पाए हैं। इसके अलावा रेडियोलॉजी विभाग में तीन जेआर की पदस्थापना की गई है। इन जेआर का भी पता नहीं है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में इतनी बड़ी संख्या में जेआर, एसआर भर्ती हुए लेकिन पहुंचे ही नहीं।
ऐसे चल रहा है फर्जीवाड़ा
सुपर स्पेशलिटी के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। मेडिकल कॉलेज से नियम विरुद्ध आदेश जारी किया जाता है। विभागों से उपस्थिति भेजकर स्टायपेंड रिलीज करा दिया जाता है। इसमें डीन कार्यालय से लेकर एसजीएमएच, जीएमएच के विभागध्यक्ष की भूमिका भी संदिग्ध रहती है। जेआर, एसआर के नाम पर डॉक्टरों की नियुक्ति तो दिखा दी जाती है लेकिन यह अस्पताल नहीं भेजे जाते। यह या तो निजी अस्पतालों में सेवाएं देते हैं या फिर पीजी, डीएम की तैयारी करने बाहर चले जाते हैं। यहां उनकी नौकरी कागजों में चलती रहती है। यही खेल सुपर स्पेशलिटी के नाम पर श्याम शाह मेडिकल कॉलेज से चल रहा है।
डॉक्टरों के रिश्तेदार और राजनीति से जुड़े हंै लोग
जिन जेआर, एसआर को फायदा पहुंचाया जा रहा है उनके तार मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और अधिकारियों से जुड़े हैं। कई राजनीतिक पकड़ वाले लोगों के भी रिश्तेदार इस पूरे फर्जीवाड़े से जुड़े हुए हैं। यही वजह है कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आड़ में धड़ाधड़ नियुक्ति आदेश जारी किया जा रहा है। सारा काम मेडिकल कॉलेज के डीन आफिस से होता है। इसके कारण किसी को पता ही नहीं चल पाता कि ऐसा भी फर्जीवाड़ा चल रहा।
यहां है डॉक्टरों की ज्यादा जरूरत
सुपर स्पेशलिटी में कुछ ही स्पेशल विभाग चल रहे हैं। इसमें न्यूरो, यूरो, नेफ्रो और कार्डियक विभाग चल रहा है। यहां मरीजों की भारी भीड़ रहती है। डॉक्टरों के भी कई पद खाली हैं। डॉक्टरों की यहां ज्यादा जरूरत है लेकिन भर्ती करने के बाद भी सब गायब है। यदि सारे डॉक्टर यहां आमद दर्ज कर दें तो मरीजों की परेशानियां खत्म हो जाएं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार…
इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन ही दे पाएगा। डीन या अधीक्षक से बात करिए। नहीं तो कल ही इसकी जानकारी लेकर कुछ कह पाएंगे।
अनिल सुचारी
कमिश्नर, रीवा संभाग रीवा
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सारी नियुक्तियां डीन कार्यालय से होती हैं। हमारे यहां से कुछ नहीं होता। इसके संबंध में कोई जानकारी नहीं है। कल पता करके ही बता पाऊंगा।
डॉ अक्षय श्रीवास्तव
अधीक्षक, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा
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अभी मैं बिजी हूं। बाद में बात करता हूं।
डॉ देवेश सारस्वत
डीन, श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा
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