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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा जिले के भाजपा विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि विधानसभा का चुनाव होने में वक्त कम बचा है, इसलिए आपस में विवाद नहीं करें। ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे पार्टी के अंदर घमासान मचने जैसी शिकायतें आएं।
मुख्यमंत्री ने यह नसीहत गुरुवार को सीएम हाउस में आयोजित बैठक में दी है। बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हिदानंद शर्मा भी उपस्थित थे। दरअसल रीवा जिले के भाजपा विधायकों ने हाल-फिलहाल एक-एक कर सत्ता और संगठन के सामने कई चुनौतियां पेश की हैैं। इसलिए सभी को गुरुवार को भोपाल तलब किया गया था। बैठक सुबह साढ़े ग्यारह बजे से शुरू हुई थी, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, पूर्व मंत्री व विधायक राजेंद्र शुक्ला, विधायक पंचूलाल प्रजापति,दिव्यराज सिंह, केपी त्रिपाठी, प्रदीप पटेल, श्यामलाल द्विवेदी उपस्थित थे। नागेन्द्र सिंह व्यस्तता के कारण बैठक में उपस्थित नहीं हो सके। बैठक में पार्टी के जिला अध्यक्ष सहित प्रबंध समिति के पदाधिकारी भी शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि रीवा जिले में कुल आठ विधानसभा सीटें हैैं और 2018 के चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। हाल में रीवा में नगरीय निकाय चुनाव में महापौर समेत कई स्थानों पर मिली कांग्रेस को जीत के बाद भाजपा के माथे पर बल आ गया है। ऊपर से भाजपा विधायकों की ओर से कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित की जा रही है। इसी से चिंतित होकर सीएम ने सभी को एक साथ तलब किया था। सीएम ने शांत भाव से उन्हें समझाया कि आपस में मेल-जोल बढ़ाएं। विधायक और पार्टी के पदाधिकारी कार्यकर्ताओं के घर जाएं, उनके साथ लंच और डिनर (दोपहर-रात्रि भोज) करें। इससे कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ेगा। कार्यकर्ताओं की पूछपरख जरूरी है।
चुनाव के लिए भी वक्त कम बचा है, इसलिए ऐसा कोई काम नहीं करें, जिससे शिकायतें मेरे तक पहुंचे। कोई ऐसा भी काम नहीं करें, जिससे जबरन बखेड़ा खड़ा हो जाए और इससे पार्टी को बदनामी झेलना पड़ जाए। मुख्यमंत्री ने विधायकों से विकास के अधूरे कार्यो को पूरा करने में आ रही कठिनाइयों के बारे में भी चर्चा की और कहा कि जल्द से जल्द कार्यो को पूरा कराया जाए। चौहान ने कहा कि एक होकर विकास के कार्य करें। 2023 में भी जिले की सभी आठों सीटें जीतनी है।
पार्टी ऊपर जाने का प्रयास न करें
तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी से वन टू वन चर्चा की। वर्तमान समय में रीवा में सत्ता व संगठन के समन्वय को लेकर विशेष चर्चा की। कई सूक्ष्म पहलुओं पर चर्चा की।
महापौर का चुनाव हारने को लेकर सीएम तल्ख रहे। उन्होंने कहा कि कोई भी नेता पार्टी से ऊपर जाने का प्रयास न करें क्योंकि पद निमित्त है लेकिन पार्टी शाश्वत है। पार्टी के अस्तित्व में ही सभी का अस्तित्व है। मुख्यमंत्री ने सभी को सारे गिले शिकवे भुलाकर समन्वय के साथ मिशन 2023 की तैयारी में जुट जाने को कहा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विधायकों को अपने क्षेत्र काम करने के लिए फ्रीहैंड तो संगठन के लिए लक्ष्मण रेखा भी खींची। मुख्यमंत्री ने साफ किया संगठन स्तर पर कोई भी निर्णय बिना कोर कमेटी के निर्णय के न लिए जाएं। मुख्यमंत्री ने संगठन की शिकायतों को भी संज्ञान में लिया। दरअसल कई लोगों ने जिला संगठन को लेकर सीएम से शिकायत की थी। जिसमें पार्टी पदाधिकारियों व सत्ता के साथ सामजस्य न की बात कही गई थी। सीएम ने मिलजुल कार्यकरने को कहा। सूत्रों की माने तो आगामी समय में कुछ संगठनात्मक परिवर्तन भी हो सकते हैं।
सिरमौर घटना क्रम के संबंध में भी पूंछा
बैठक में सिरमौर घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री ने जानकारी ली। जनपद अध्यक्ष चुनाव सहित आडियो वायरल व सीईओ से मारपीट मामले को लेकर भी चर्चा की और कहा कि ऐसा कोई काम न करें कि पार्टी की छवि खराब हो।
रीवा को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग
बैठक में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम सहित जिले के सभी विधायकों ने रीवा जिले को सूखा ग्रस्त घोषित करने की मांग की और कहा कि इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। विधायकों ने कहा वर्षा कम होने से खरीफ की बोनी ही नहीं हुई और कुछ क्षेत्रों में पीने के पानी की भी समस्या हो रही है। विधायकों ने आवारा पशुओं और बिजली की समस्या की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि इसके लिए तत्काल उचित कदम उठाए जाएं।