रीवा। नगर निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली हमेशा ही चर्चाओं में रहती है, इन दिनो नगर निगम में हुई फॉयर बिग्रेड खरीदी व इसके खड़ा करने के लिए बनाया गया फॉयर स्टेशन चर्चाओं में हैं। इन दोनो कामों में निगम ने कई लाख फूंक तो दिए लेकिन इसका उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। ऐसा चर्चाओं में कहा जा रहा है। वह हम आपको आगे की खबर में बताते हैं कि इसको लेकर चर्चाएं हो क्या रही हैं।
समदडिय़ा ने लगाए बैरीकेंट्स
चर्चाओं के अनुसार नगर निगम ने करीब 3 लाख रुपए खर्च कर अपनी चहेती एजेंसी को न्यू बस स्टैंड समान थाना के बगल में फॉयर स्टेशन बनाने का काम दिया था, जिसे एजेंसी ने पूरा भी कर दिया। चर्चाओं में कहा जा रहा है कि फॉयर स्टेशन तो जैसा-तैसा बना ही लेकिन इस पर जब नई फॉयर बिग्रेड खड़ी करने की बारी आई तो उसे भेजा गया एक दो दिन गाड़ी वहा गई भी लेकिन इसके बाद वहां वैरीकेट्स लगा दिए गए, सामने वैरीकेट्स होने से गाड़ी अंदर ही नहीं जा पाती थी। चर्चाओं के अनुसार इस वैरीकेट्स को निगम प्रशासन ने कटवा दिया था लेकिन बिल्डर ने अब फिर से वैरीकेट्स लगा दिए है जो आप इसमें प्रकाशित की गई तश्वीरे व वीडियो में देख सकते हैं।
बन गया वाहनों की पार्किंग
बता दें कि अब यह नगर निगम का फॉयर स्टेशन समान थाना व बस स्टैंड आने वालो के लिए पार्किंग का काम कर रहा है, फोर व्हीलर वाहन और बाइके आप तश्वीरो में साफ देख सकते हैं। वहीं चर्चाओं में कहा जा रहा है कि यह फॉयर स्टेशन बिल्डर और नगर निगम के बीच चल रही खींचतान में अटका हुआ है। वहीं चर्चाओं में कहा जा रहा है कि फॉयर स्टेशन को बंदरबांट करने के लिए बनाया गया था जो उद्देश्य पूरा हो गया है। अब निगम को इसकी कोई फिक्र नहीं है, वहीं जानकारो की माने तो इसका निर्माण भी ऐसा हुआ है कि इसमें औपचारिकता पूरी की गई है और इसे देख यह भी नहीं लगता है कि इसमें तीन लाख या उससे अधिक खर्च हुए होंगे, क्योंकि यहां वाहन खड़ा भी होता है तो वह धूप और बारिश से सुरक्षित नहीं रहेगा।
फॉयर बिग्रेड को लेकर यह चर्चा
वहीं नई आधुनिक फॉयर बिग्रेड को लेकर भी दबी जुबान में निगम के ही अधिकारी-कर्मचारी कई तरह की बात कर रहे हैं। बीच में चर्चाएं थी कि फॉयर बिग्रेड के टैंक में लीकेज है इसलिए उसे आधा ही भरा जा रहा है, नई फॉयर बिग्रेड में कई तरह की समस्याएं भी सामने आ चुकी है जिसका मेंटीनेंस निगम ने कराया। हालांकि यह सभी चर्चांए कितनी सही है और कितनी गलत हैं यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा।
००००००००००