रीवा। अवारा पशुओं को पकडऩे को लेकर नगर निगम द्वारा की जा रही कार्यवाही पर सवाल खड़ा किया जा रहा है। वार्ड क्रमांक 13 निवासी समाजसेवा अधिवक्ता मानवेन्द्र द्विवेदी ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि नगर पालिक निगम रीवा के एचओ भागिरथी गौर स्वच्छता निरीक्षक प्रकाश सिगोते और सफाई प्रभारी बृजेन्द्र पाठक द्वारा वार्ड क्र 13 के उन पशुपालकों पर जुर्माना की कार्यवाही की है जो अपने पशु को बांध कर रखतें हैं जबकि नगर में घूम रहें आवारा पशुओं के मालिकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिसके विरूद्ध पशुपालक न्यायालय का दरवाजा खटखटायेंगे सफाई प्रभारी द्वारा झूठे और मनगढंत आधारों पर थाना समान मे पशुपालकों के विरूद्ध आवेदन दिया है जबकि इनमें से बहुत से लोग पशुपालन कर ही नहीं रहें और जिनके यहां पशु हैं वो बंधे हैं सफाई प्रभारी द्वारा कुछ लोगो को इसलिए छोड दिया गया कि वो ओहदेदार थें सही स्थिति यह है कि नगर निगम अधिनियम मे प्रावधान है कि जो पशु आवारा विचरण करते हुए पाऐ जाऐंगे और उनके कारण किसी व्यक्ति के जीवन मे संकट उत्पन्न होता है एक्सीडेंट की संभावना हो ऐसे पशुपालकों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की जाऐगी परंतु यहां घर घर मे घुस कर बंधे पशुओं के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की गई घरों में मौजूद महिलाओं को टैक्स बता कर रकम ली गई है जब उक्त संदर्भ में नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की गई और आदेश मांगा गया तो बताऐं कि कलेक्टर साहब का आदेश है जब उस आदेश की कांपी मांगी गई तो जिला पंचायत सी ई ओ का पत्र दिखा रहे जिसमे सरपंच और सचिवों को आदेशित किया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग मे इक_ा होनेवाले पशु जो दुर्घटना का कारण बन रहें हैं उनके पालकों की पहचान कर उनके विरूद्ध चालानी कार्यवाही की जावे और पशुओं को गौशाला भेजा जावे परंतु सी ई ओ का आदेश नगर निगम में कैसे लागू होता है नगर निगम में या तो नगर निगम अधिनियम या नगर निगम परिषद या मेयर इन कौंसिल द्वारा बनाए गये उपविधियों के प्रावधान लागू होतें हैं फिर किस नियम कानूनों के तहत् स्वास्थ्य अधिकारी व सफाई प्रभारी द्वारा वार्ड 13 के पशुपालकों के घरों मे जाकर बंधे हुऐ जानवरो के मालिकों पर चालानी कार्यवाही की गई है यदि उनकी बात वैधानिक है तो सिविल लाइंस मे तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के घरों में जानवर पाले गयें हैं उन पर कार्यवाही क्योंकि नहीं की जा रही है क्या नियम सिर्फ आम जनता और गरीब पशुपालकों के लिऐ है जहाँ तक बात पशुक्रूरता अधिनियम की है तो पशु को बांधकर रखना उसे दाना पानी सेवा से विमुक्त रखना ये पशुक्रूरता है न की उसे बांधकर सेवा भोजन पानी की व्यवस्था करना पशुक्रूरता है नगर निगम के सफाई प्रभारी वार्ड 13 स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम ने दोषपूर्ण अभियोजन हेतु झूंठा आवेदन दिया तथा नियम विरूद्ध तरीकों से पशुपालकों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की है जिसके विरूद्ध पशुपालकों द्वारा माननीय कोर्ट आफ ला मे जाकर अवैधानिक वसूली के विरुद्ध वाद प्रस्तुत किया जाऐगा।