रीवा। रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने कमाल कर दिया। 17 साल के किशोर के हाथ एक एक्सीडेंट मे बेजान हो गए थे। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर जिंदगी में दोबारा रंग घोल दिया। हाथों की जान लौटा दी। मायूस परिवार के सदस्यों के चेहरे पर खुशी बिखेर दी। अब किशोर पहले की तरह काम कर रहा है। यह ऑपरेशन मरीज की जान तक ले सकता है, लेकिन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के न्यूरो सर्जन ने इसे सफल कर दिया।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के शुरू होने के बाद गरीबों को इलाज के मामले में बड़ी राहत मिल रही है। गरीबों को जिन बीमारियों के लिए भटकना पड़ता था। उनका इलाज सुपर स्पेशलिटी के डॉक्टर सफल कर रहे हैं। ऐसा ही एक रेयरेस्ट मामला सामने आया है। इसमें भूपेन्द्र कुशवाहा पिता रमनीत कुशवाहा, उम्र 17 वर्ष ग्राम जसो घर पर काम करते समय गिर गया था। मरीज कुछ समय से चलने फिरने में असमर्थ था। हाथ भी शिथिल हो गए थे। जिन्हें ऊपर उठाने में बल नहीं मिल रहा था। कई जगह दिखाने के बाद भी लाभ नहीं मिला। इसके बाद वह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल पहुंचा। न्यूरो सर्जन डॉ रंजीत झा से मरीज ने संपर्क किया। मरीज को डॉक्टर रंजीत झा ने भर्ती कराया। भर्ती करने के बाद जांच की। जांच में बीमारी का पता चला। जाचं में एटलांटो एक्सियल डिस्लोकेशन जैसी गंभीर बीमारी का पता चला। इस बीमारी का इलाज आपरेशन से ही संभव है। वर्तमान में जटिलतम ऑपरेशन से ही इसका इलाज संभव है। बीमारी का पता चलने के बाद आपरेशन करने का फैसला डॉक्टर ने लिया। ऑपरेशन सफल रहा। अब मरीज स्वस्थ्य है। वह अब स्वयं चल फिर पा रहा है। हाथ की ताकत भी वापस लौट आई है। मरीज को डॉक्टरों की टीम ने नया जीवन दिया। ऑपरेशन को सफल बनाने में डॉ रंजीत झा, डॉ पंकज चौहान, डॉ कार्तिकेय शुक्ला, डॉ ऋषि गर्ग, टेक्निकल स्टाफ आशीष विश्वकर्मा, डॉ प्रवीण लाल सिंह शामिल रहे। मरीज के स्वस्थ्य होने पर उसके परिवार के सदस्यों का खुशी का ठिकाना ही नहीं है।
क्या है एटलांटो एक्सियल डिस्लोकेशन
यह एक अति गंभीर बीमारी है। इसमें गर्दन के ऊपरी हड्डी टूटने के कारण ब्रेन के निचले हिस्से एवं स्पाइन के ऊपरी हिस्से में नसों पर दबाव आता है। इसके कारण शरीर लकवाग्रस्त हो सकता है। सर्जरी द्वारा इसका इलाज संभव है। इसकी सर्जरी वर्तमान में जटिलतम सर्जरी में से एक ळै। जान का काफी खतरा रहता है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से 25 फीसदी तक इसी वजह से यह सर्जरी काफी कम सफल हो पाती है।
परिवार का सहारा था
किशोर परिवार का सहारा था। परिवार सदस्यों के कार्यों में मदद करता था। अचानक हुए हादसे ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया था। बेटे के हाथों के बेजान होने के बाद परिवार के सदस्यों ने कई जगह इलाज कराया। जांच कराई लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। परिवार की उम्मीदें टूट चुकी थी। ऐसे मे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मरीज को पहले की तरह स्वस्थ्य कर दिया।
वर्सन…
17 साल का किशोर इलाज के लिए आया था। उसे एटलांटो एक्सियल डिस्लोकेशन बीमारी थी। हाथ में बिल्कुल भी बल नहीं पड़ रहा था। यह गंभीर बीमारी है। इसका सिर्फ ऑपरेशन कर ही उपचार किया जा सकता है। इसमें मरीज की जान तक जा सकती है। ऑपरेशन सफल रहा। अब मरीज स्वस्थ्य है। हाथ से अब मरीज काम कर पा रहा है।
डॉ रंजीत झा, न्यूरो सर्जन
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा
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