रीवा। नगर पालिक निगम में जब 23 वर्ष बाद महापौर की कुर्सी बदली और भाजपा की जगह कांग्रेस के महपौर अजय मिश्रा बाबा कुर्सी पर बैठे तो नगर निगम में चुनाव परिणाम का इतिहास तो बदला ही बल्कि इसके अलावा महापौर ने सरकारी सुविधाओं से किनारा कर एक और इतिहास निगम का बदल दिया, अजय मिश्रा बाबा नगर निगम के पहले महापौर हैं जिनके द्वारा सरकारी वाहन व डीजल सहित अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं लिया जा रहा है।
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इस बदले इतिहास ने जनता के मन में एक सवाल खड़ा कर दिया कि भाजपा के महापौर अब तक थे लेकिन वह वाहन बदल लग्जरी वाहन की मांग करते थे लेकिन अजय मिश्रा बाबा ने वाहन नहीं लिया और इस पर खर्च होने वाली राशि को जनता के हित में खर्च करने का आदेश जारी कर दिया।
तो क्या अब नगर निगम के अध्यक्ष व्यंकटेश पांडेय भी ऐसा करेंगे, क्या वह भी सरकारी सुविधाओं से किनारा करेंगे? यह सब सवाल आज भी जनता के मन में चल रहे हैं। विंध्य वाणी न्यूज के संवाददाता से नगर निगम में ही किसी आए हुए हितग्राही ने यह सवाल पूंछ डाला कि महापौर तो सरकारी वाहन नहीं लेते तो क्या अध्यक्ष भी महापौर की तरह सरकारी वाहन व डीजल नहीं लेते हैं? तो हितग्राही को तो हमने उक्त आशय की जानकारी दे दी लेकिन अब हम आपको भी इस बात की जानकारी दें दे कि नगर निगम के अध्यक्ष व्यंटेश पांडेय सरकारी वाहन का लाभ भी ले रहे हैं और इतना ही नहीं सरकारी डीजल भी उनको दिया जा रहा है। उनके लिए निगम प्रशासन द्वारा इनोवा क्रिस्टा वाहन की व्यवस्था की गई हैं। बीते अगस्त में उनको 94 लीटर डीजल निगम प्रशासन द्वारा दिया गया था। अब यह तो हो गई वाहन और डीजल लेने की बात यहां एक बात और चर्चाओं में तेजी से हो रही है कि महापौर को तो वाहन और डीजल की पात्रता है लेकिन वह ले नहीं रहे हैं लेकिन निगम प्रशासन द्वारा निगम अध्यक्ष को बिना पात्रता के वाहन और डीजल दिया जा रहा है, चर्चाओं में नगर पालिक निगम अधिनियम का हवाला दिया जा रहा है।
वहीं चर्चा में कहा यह भी जा रहा है कि पूर्व में परिषद् से अध्यक्ष के वाहन और डीजल के लिए प्रस्ताव परिषद् से पास है उसी के तहत यह सुविधा अध्यक्ष को दी जा रही है। अब इन चर्चाओं में कितनी हकीकत है यह तो निगम प्रशासन ही जानेगा लेकिन महापौर के वाहन से इंकार और अध्यक्ष के हामी से जनता तरह-तरह की चर्चाएं कर रही है।