रीवा।
स्कूल शिक्षा विभाग में हुए सबसे बड़े घोटाले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी
है। 24 लोगों पर एफआईआर दर्ज है। इन मामले में सिविल लाइन पुलिस ने जिला
शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर रिकार्ड मांगे हैं। वहीं दूसरी तरफ इस मामले
से जुड़े कर्मचारियों, अधिकारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। इस
मर्तबा ऑडीटर को निलंबित किया गया है। ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग में
अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों को अनुदान राशि के भुगतान में
फर्जीवाड़ा किया था। महालेखाकार ग्वालियर की ऑडिट में आपत्ति सामने आई थी।
वर्ष 2018 से 2019 के बीच में सिर्फ 70.67 लाख गबन की आपत्ति आई थी। जब
तत्कालीन कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी ने मामले की स्थानीय स्तर पर टीम बनाकर
जांच कराई तो यह महाघोटाला बन कर सामने आया था। अनुदान प्राप्त स्कूलों के
शिक्षकों के एरियर और वेतन घोटाले में ही 2 करोड़ 18 लाख 39 हजार 901 रुपए
का गबन मिला था। इसके अलावा कई स्कूलों को बिना सामानों की सप्लाई के ही
बिल बाउचर पास करा लिए। इससे करीब 2 करोड़ 23 लाख का गबन किया गया। इस
फर्जीवाड़ा में करीब 24 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसके अलावा
तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी आरएन पटेल ने भी सिविल लाइन थाना में कैशियर
अशोक शर्मा, सहायक अध्यापक विजय तिवारी और अनुदान शाखा प्रभारी के खिलाफ
एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में सिविल लाइन पुलिस ने गंभीरता दिखाई है।
मामले की फाइल खुल गई है। थाना प्रभारी ने फर्जीवाड़ा और घोटाले से जुड़े
सारे रिकार्ड तलब करने के लिए पत्र लिखा है।
कैशियर और शिक्षक के रिश्तेदार थे शामिल
कैशियर
और सहायक शिक्षक ने अपने रिश्तेदारों को ही निशाना बनाया। उनके खाते में
राशि भेजी और फिर आहरण कर लिया। इसमें एक शिक्षक भी फंसे। सगरा में पदस्थ
अरुण तिवारी के बेटे और बहू के खाते में भी राशि भेजी गई थी। जब पोल खुली
तो इन्होंने आनन फानन में खुद के खाते से ही चेक से राशि शासन के खाते में
जमा कर दी। हालांकि इसके बाद भी जांच टीम की अनुसंशा में फंस गए। थाना में
एफआईआर भी कराई गई है।
कपटपूर्ण भुगतान आहरण की राशि और खातधारकों के नाम
वेंडर का नाम फर्जीखाताधारक राशि
सूर्यमणि विभाग शुक्ला 380581
रामरतन सुधीर तिवारी एवं अर्चना 247825
रामनारायण अतुल तिवारी/अरुण तिवारी 905750
कमलेश द्विवेदी कमलेश कुमार द्विवेदी 535098
श्रीनिवास उर्मिला प्रसाद चतुर्वेदी 1120273
कृष्ण कुमार सुषमा तिवारी 718357
रामसुरेश अशोक कुमार चतुर्वेदी 445471
संतोष कुमार अनिल शुक्ला 1122790
राम किशोर रामकृष्ण मिश्रा 935729
राघविन्द प्रसाद राधारमन द्विवेदी 870458
लालुआ कमलेश कुमार द्विवेदी 188827
विष्णु स्वाति तिवारी 138019
संतोष कुमार सुनील पाण्डेय 403872
कृष्ण कुमार सरोज पाण्डेय 725664
रमाकांत पाठक अंकित अग्रवाल 603568
अंकित तिवारी वीके अग्रवाल 414753
मिठाईलाल विजय अग्रवाल 712221
कृष्ण सेवक शर्मा सीमा तिवारी 826268
सुशील द्विवेदी कमलेश प्रसाद द्विवेदी 955779
अंकिता मिश्रा टे्र. अंकिता मिश्रा ट्रेडर्स 420149
रामसजीवन तिवारी — 740856
कल्लू सिंह सीमा द्विवेदी ग्राम मिडिला 743430
शेषमणि यादव — 417966
रामधारी सिंह आशा एवं आकांक्षा अग्रवाल 679139
इन लोगों ने फिलहाल जमा की राशि
जमाकर्ता का नाम राशि
अरुण तिवारी, नेहरू नगर 152744
स्वाती तिवारी, नेहरू नगर 12764
सुनील पाण्डेय, शास्त्री नगर 403872
अशोक चतुर्वेदी, ढेकहा 206363
सुषमा तिवारी, तिवनी 718357
ज्ञानेन्द्र शुक्ला, बुढ़वा 188827
सरोज पाण्डेय, सीधी 725664
अतुल तिवारी, नेहरू नगर 351334
विभा शुक्ला, मैदानी 380581
राधेरमण द्विवेदी सेमरिया 870454
अनिल शुक्ला, पटरहाई 885682
कमलेश कुमार द्विवेदी, रीवा 482275
उर्मिला चतुर्वेदी, डिहिया 1120273
रामकृष्ण मिश्रा, हनुमना 295275
सुधीर तिवारी, तिवनी 247825
अतुल तिवारी, नेहरू नगर 401172
स्वाती तिवारी, नेहरू नगर 122544
योग 7568010
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स्कूलों को फर्जी तरीके से की गई सामग्री सप्लाई
करीब
15 स्कूलों में फर्मों के बिल का उपयोग कर 2 करोड़ 38 लाख के सामानों की
सप्लाई सिर्फ हवा में की। स्कूलों को कुछ नहीं मिला। हद तो यह है कि
प्राचार्यों ने सामग्री मिलने का प्रमामीणकरण करने के बाद फर्मों को भुगतान
भी कर दिया था। इस पूरे खेल में सप्लाई करने वाले फर्मों की भूमिका
संदिग्ध रही। फर्मों ने स्कूलों में ऐसी सप्लाई के बिल पास करवाए जो वहां
जरूरत ही नहीं थी। हाई स्कूल प्राचार्य से हायर सेकेण्डरी की पुस्तकों की
सप्लाई कर बिल पास करा लिया गया। रीवा की 20 फर्मों के बिल का उपयोग कर
स्कूलों को बिना सामग्री के सप्लाई किए भुगतान कराया गया। जांच में खुलासा
होने के बाद एफआईआर कराई गई थी।
इन फर्मों को किया गया अनियमित भुगतान
फर्म भुगतान राशि
नेशनल स्टेशनरी मार्ट रीवा 1604897
बहादत ट्रेडर्स 3569737
अनिल बुक एंड स्टेशनरी 73293
प्रभात ट्रेडर्स रीवा 430110
सांई कम्प्यूटर एंड रेफ्रिजरेशन 1758700
प्रभात ट्रेडर्स 147290
अतुल कम्प्यूटर 38536
अग्रोहा ट्रेडर्स एंड मार्ट रीवा 2369776
अंकित इंटरप्राइजेज 2674360
पूर्णिमा ट्रेडर्स रीवा 1317905
एके इंटरप्राइजेज 635828
अमर ट्रेडर्स 49680
कमलेश कुमार द्विवेदी 348411
अकांक्षा ट्रेडर्स 1927540
विश्वविद्यालय रीवा 259070
एसके इंटरप्राइजेज 414194
पुस्तक सदन रीवा 174785
सरोज ट्रेडर्स 1066005
अंकिता मिश्रा ट्रेडर्स 1656740
मेसर्स सरोज 659130
इधर निलंबन का दौर जारी है, ऑडिटर पर गिरी गाज
एक
तरफ मामले की पुलिस जांच कर रही है तो दूसरी तरफ भोपाल से पूरी जांच को
प्रभावित करने का काम किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में
इसी मामले की जांच करने भोपाल से टीम आई थी। भोपाल टीम लौट गई लेकिन
दागियों पर कार्रवाई कुछ नहीं हुई। उलटा जांच में सहयोग करने वाले
कर्मचारियों को ही टारगेट में लिया जा रहा है। इस मर्तबा निशाने पर ऑडिटर
मुन्नालाल वर्मा आए हैं। सूत्रों की मानें तो मुन्ना लाल वर्मा को निलंबित
कर जेडी कार्यालय रीवा अटैच कर दिया गया है।
वर्सन…
थाना में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुए खरीदी अनियमितता का अपराध पंजीबद्ध हुआ है। इसी मामले की जांच चल रही है।
हितेन्द्रनाथ शर्मा
थाना प्रभारी, सिविल लाइन रीवा