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रीवा। गौरी पंचायत के महिला सरपंच के पति द्वारा सेल्समैन के अभद्रता करना महंगा पड़ सकता है। जिपं सीईओ ने सरपंच को पद से पृथक का नोटिस जारी कर 18 अक्टूबर को जबाव हेतु तलब किया है। यदि सकारात्मक जबाव नहीं दिया या जबाव देने में अनुपस्थित रहीं तो एक पक्षीय कार्रवाई भी हो सकती है।
जिपं सीईओ स्वप्निल वानखडे मुख्य को ग्राम पंचायत गौरी जनपद पंचायत मऊगंज में यह संज्ञान में आया कि रत्नावली दुबे सरपंच ग्राम पंचायत गौरी के पति भास्करमणि दुबे द्वारा ग्राम पंचायत के उचित मूल्य के दुकान में खाद्यान्न वितरण के दौरान सरपंच पति उपस्थित हुये एवं सेल्समैन से अभद्रता करने लगे। सेल्समैन द्वारा जब उनको उचित मूल की दुकान से जाने के लिये कहा गया तो श्री दुबे अनावश्यक रूप अभद्रता एवं मारपीट करने लगे एवं खुद को ही सरपंच की हैसियत से उपस्थित बताते हुये शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया गया। बताया कि मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र क्र 462 दिनांक 17/8/2005 व दिनांक 28.04.2015 में स्पष्ट निर्देश हैं कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के एवज में ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की बैठकों का संचालन उनके पति एवं अन्य परिजनों द्वारा किया जाना वर्जित है, यदि कोई सरपंच/उपसरपंच/पंच पति महिला सरपंच/उपसरपंच/पंच के स्थान पर ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेता पाया जाता है तो संबंधित महिला सरपंच/उपसरपंच/पंच के विरूद्ध पद से विधिवत पृथक किये जाने की कार्यवाही की जावे। अत: जिपं सीईओ द्वारा रत्नावली दुबे सरपंच ग्राम पंचायत गौरी जनपद पंचायत मऊगंज को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुये लिखा गया कि शासन के महत्वपूर्ण कार्यों को बाधित करते हुये गाली गालौज किये जाने एवं मारपीट की धमकी दिये जाने का कृत्य शासन के द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के विपरीत होने के कारण क्यो न आपको सरपंच पद से पृथक किया जाये। इस संबंध में सुनवाई का युक्त अवसर प्रदान करते हुये 18 अक्टूबर 22 को सीईओ जिपं के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु पत्र जारी किया गया है। निर्धारित समय-सीमा में अपना पक्ष न रखने पर यह समझा जायेगा की वह इस संबंध में कुछ नहीं कहा है। तदउपरान्त शासन के नियमानुसार पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही की जावेगी।
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जिपं सीईओ स्वप्निल वानखडे मुख्य को ग्राम पंचायत गौरी जनपद पंचायत मऊगंज में यह संज्ञान में आया कि रत्नावली दुबे सरपंच ग्राम पंचायत गौरी के पति भास्करमणि दुबे द्वारा ग्राम पंचायत के उचित मूल्य के दुकान में खाद्यान्न वितरण के दौरान सरपंच पति उपस्थित हुये एवं सेल्समैन से अभद्रता करने लगे। सेल्समैन द्वारा जब उनको उचित मूल की दुकान से जाने के लिये कहा गया तो श्री दुबे अनावश्यक रूप अभद्रता एवं मारपीट करने लगे एवं खुद को ही सरपंच की हैसियत से उपस्थित बताते हुये शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया गया। बताया कि मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल के पत्र क्र 462 दिनांक 17/8/2005 व दिनांक 28.04.2015 में स्पष्ट निर्देश हैं कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के एवज में ग्राम पंचायत और ग्राम सभा की बैठकों का संचालन उनके पति एवं अन्य परिजनों द्वारा किया जाना वर्जित है, यदि कोई सरपंच/उपसरपंच/पंच पति महिला सरपंच/उपसरपंच/पंच के स्थान पर ग्राम सभा की बैठकों में भाग लेता पाया जाता है तो संबंधित महिला सरपंच/उपसरपंच/पंच के विरूद्ध पद से विधिवत पृथक किये जाने की कार्यवाही की जावे। अत: जिपं सीईओ द्वारा रत्नावली दुबे सरपंच ग्राम पंचायत गौरी जनपद पंचायत मऊगंज को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करते हुये लिखा गया कि शासन के महत्वपूर्ण कार्यों को बाधित करते हुये गाली गालौज किये जाने एवं मारपीट की धमकी दिये जाने का कृत्य शासन के द्वारा दिये गये दिशा निर्देशों के विपरीत होने के कारण क्यो न आपको सरपंच पद से पृथक किया जाये। इस संबंध में सुनवाई का युक्त अवसर प्रदान करते हुये 18 अक्टूबर 22 को सीईओ जिपं के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु पत्र जारी किया गया है। निर्धारित समय-सीमा में अपना पक्ष न रखने पर यह समझा जायेगा की वह इस संबंध में कुछ नहीं कहा है। तदउपरान्त शासन के नियमानुसार पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही की जावेगी।
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