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रीवा। मप्र में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में कराने के साथ ही दवाओं का पर्चा भी हिंदी में लिखने की शुरुआत हो गई। लगातार चिकित्सक अलग-अलग जिलो में इस पर अमल कर रहे हैं, इसकी सलाह सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दी थी, उन्होंने कहा था कि श्री हरि लिख दावाओं के नाम लिखे जा सकते हैं, जिसके बाद से चिकित्सकों ने इस पर अमल करना शुुरु कर दिया। सीएम की इस सलाह का चिकित्सको पर बड़ा असर पड़ा है और वह इसे उपयोगी बता रहे हैं।
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रीवा में हुई शुरुआत…
रीवा में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ.केपी गुप्ता ने सीएम के इस सलाह पर अमल करते हुए अगले ही दिन से आरएक्स की जगह श्रीहरि लिख दावाओं के नाम हिंदी से लिखने लगे, उनके द्वारा विंध्य वाणी न्यूज से की गई बातचीत में बताया कि एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में यह प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान का ऐतिहासिक निर्णय हैं, इससे बड़ी संख्या में छात्रों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा हिंदी में दवा लिखे जाने के बाद आम आदमी भी दावाओं के नाम जान सकेगा। कई बार ऐसा होता है कि दावाओंं के नाम खुद मेडिकल स्टोर वाले ही नहीं पढ़ पाते, रॉयटिंग के चलते ऐसी समस्या आती है लेकिन हिंदी लिखी होने से उनको काफी आसानी होगी। इसके अलावा हर मरीज को पता रहेगा कि कौन सी दवा मरीज खा रहे हैं और कौन सी बीमारी के लिए खा रहे हैं।
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सोमवार से की शुरुआत
बता देंकि रविवार को मप्र में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में भी कराने की शुरुआत हुई। गृहमंत्री अमित शाह ने मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए तीन किताबों का विमोचन किया था। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी डॉक्टरों से पर्चा हिंदी में लिखने की अपील की थी। जिसके बाद सोमवार से ही सिविल सर्जन डॉ.केपी गुप्ता ने पर्चा हिंदी में लिखना शुरु किया। बुधवार को वह हिंदी में पर्चा लिखते हुए विंध्य वाणी न्यूज को नजर आए तो संवाददाता ने उनसे जानकारी ली और उन्होंने अपनी राय सांझा की।