नई दिल्ली। अंडमान में देह व्यापार के बदले नौकरी रैकेट का बड़े खुलासे ने सभी को हैरान कर दिया है। इस पूरे मामले में मुख्य आरोपी कोई और नहीं बल्कि अंडमान और निकोबार ए एडं एन द्वीप समूह के पूर्व मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण और श्रम आयुक्त आर एल ऋषि हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि यह कैसे हो सकता है तो हम आपको बता देंं कि इन दोनों के खिलाफ एक 21 वर्षीय महिला द्वारा गैंगरेप और यौन उत्पीडऩ के आरोपों की जांच चल रही है। इस जांच के दौरान अंडमान और निकोबार पुलिस के विशेष जांच दल द्वारा कई बड़े हैरान कर देने वाले साक्ष्य इकठ्ठे किए हैं और बड़ा खुलासा इन साक्ष्यों से हो रहा है। पुलिस ने मुख्य गवाहों के बयान दर्ज किए हैं जो कथित तौर पर देह व्यापार की ओर इशारा करते हैं। साल भर के कार्यकाल के दौरान अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव, जितेंद्र नारायण के पोर्ट ब्लेयर आवास पर 20 से अधिक महिलाओं को कथित तौर पर ले जाया गया था। इन महिलाओं में कुछ को सेक्स के एवज में नौकरी दी गई। इन्हीं में से एक 21 वर्षीय महिला ने जितेंद्र नारायण और श्रम आयुक्त आरएल ऋषि पर सामूहिक बलात्कार और यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बाद कथित देह व्यापार गिरोह का खुलासा हुआ है। पीडि़ता ने अपनी शिकायत में कहा था कि जब वह नौकरी की तलाश में थी तो एक होटल मालिक के जरिए श्रम आयुक्त ऋषि से उसका परिचय हुआ था। जो उसे मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण के आवास पर ले गया जहां उसे शराब पीने के लिए कहा गया लेकिन जब उसने मना कर दिया तो सरकारी नौकरी का आश्वासन दिया गया। महिला ने आरोप लगाया कि दो पुरुषों द्वारा उसके साथ क्रूरता और यौन शोषण किया गया। महिला ने कहा कि दो हफ्ते तक उसका यौन शोषण होता रहा और नौकरी के बजाय उसे धमकी दी गई कि वह किसी को भी इस बारे में नहीं बताएगी।