रीवा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सरकारी अस्पतालों में महिलाओं की डिलीवरी के लिए राष्ट्रीय मानक स्तर के संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लक्ष्य योजना चलाई जा रही है। इसी के तहत प्रदेश के जिलों में ऐसे अस्पताल जो मापदंडों के तहत 70 प्रतिशत तक खरे उतर रहे हैं, उनके बीच लक्ष्य प्रोग्राम के तहत प्रतिस्पर्धा रखी जा रही है। जिला अस्पताल को भी पिछले वर्ष लक्ष्य प्रतिस्पर्धा में शामिल किया गया था, लेकिन हर प्रतिस्पर्धा को पास कर उपलब्धि हासिल करने वाला जिला अस्पताल इस प्रतिस्पर्धा में फेल हो गया है। जिला अस्पताल को यह बड़ा झटका लगा है। बता दें कि इसका परिणाम जारी किया गया है, जिसमें जिला अस्पताल को निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं के चलते लक्ष्य सर्टिफिकेट के योग्य नहीं माना गया है। निरीक्षण टीम को यहां मातृत्व योजना के तहत मिलने वाली सुविधाएं पर्याप्त नहीं मिलीं, जिससे सर्टिफिकेट के योग्य नहीं माना गया।
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स्कोर नहीं कर पाया पूरा
बता दें कि जिला अस्पताल के हुए निरीक्षण में टीम को लेबर रूम में कई कमियां मिलीं। जिला अस्पताल को इसमें 72 प्रतिशत अंक ही मिले हैं। इसके अलावा मेटरनिटी ऑपरेशन थियेटर में जिला अस्पताल को कुल 78 प्रतिशत अंक मिले हैं। जारी सर्टिफिकेट में कहा गया है कि चूंकि लक्ष्य सर्टिफिकेट सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरुस्त मिलने पर ही दिया जाता है, इसलिए फिलहाल जिला अस्पताल लक्ष्य सर्टिफिकेट के लिए पात्र नहीं है।
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मार्च में हुआ था सर्वे
जिला अस्पताल का सर्वे करने बीते 25-26 मार्च को केन्द्र की टीम आई थी। दो दिन तक चले इस सर्वे में टीम ने लेबर रूम सहित मेटरनिटी ओटी का निरीक्षण किया था। लक्ष्य के तहत मृत बच्चे पैदा होने की संख्या कम करने, मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना, सर्विस प्रोविजन, रोगी के अधिकार, इंफ्रास्ट्रक्चर इनपुट, निरीक्षण व रखरखाव, क्लिनिक सर्विस, इंफेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन, आउटकम इंडिकेटर आदि बिंदु पर निरीक्षण किया गया था, लेकिन जिला अस्पताल में कई बिंदु मानक के अनुसार नहीं मिले।
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फिर आवेदन करने की सलाह
लक्ष्य सर्टिफिकेट नहीं दिए जाने के कारणों की जानकारी जिला अस्पताल को दी गई है। परिणाम के साथ 8 पन्ने की रिपोर्ट भेजी गई है, इसमें उन सभी बिंदुओं को दर्शाया गया है जिनमें जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं ठीक नहीं मिली हैं। इन बिंदुओं पर फोकस कर फिर से आवेदन करने की बात कही गई है। हालांकि जिला अस्पताल प्रबंधन ने परिणाम आने के बाद से ही इसको लेकर तैयारी शुरु कर दी है और फिर से सर्वे की तैयारी में जुट गया है।
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वर्जन
लक्ष्य के सर्वे में हमें लेबर रूम में 72 प्रतिशत व मेटरनिटी ओटी की सेवाओं में 78 प्रतिशत अंक मिले हैं। कुछ सेवाओं में हम पीछे रह गए हैं, जिन्हें इस वर्ष सुधार कर सर्वे कराया जाएगा।
डॉ. केपी गुप्ता, सिविल सर्जन जिला अस्पताल
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