सभी ताजा खबरें पढ़ने के लिए कृपया जरूर जुड़े🙏
Join Now
READ ALSO-Big Breaking: रीवा-प्रयागराज हाइवे पर फिर बड़ा हादसा, 2 की मौके पर मौत, 20 घायल, जारी है राहत कार्य…
रीवा. उच्च न्यायालय में विभिन्न न्यायालयीन प्रकरणों मे विलंब से जबाव दावा प्रस्तुत करने वाले अधिकारियों को कलेक्टर मनोज पुष्प ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने न्यायालय द्वारा विभिन्न प्रकरणों में कास्ट अधिरोपित किये जाने के कारण विभिन्न विभागों के लगभग 200 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इनमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, सीएमएचओ, बीएमओ, जनपद के सीईओ, सीडीपीओ एवं अन्य विभागों के अधिकारी शामिल हैं।
000000
READ ALSO-रीवा की शराबी महिला, जानिए कैसे दो घूंट अंदर जाने के बाद मचाती है हड़कंप…
READ ALSO- सनी लियोन का यह हॉट अवतार देख आप रह जाएंगे दंग, धड़कने थाम लीजिए…
READ ALSO-Breaking: रेलवे स्टेशन में टीटीई को फौजी यात्री ने जमकर पीटा…
राष्ट्रपति महोदया की उपस्थिति में महिला स्वसहायता समूहों का सम्मेलन आज भोपाल में
रीवा. राष्ट्रपति महोदया की उपस्थिति में महिला स्वसहायता समूहों का सम्मेलन आज 16 नवम्बर को भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम लाल परेड ग्राउंड में प्रात: 11.30 बजे से आयोजित किया गया है। सम्मेलन में ग्रामीण आजीविका मिशन के महिला स्वसहायता समूह भाग लेंगे। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा। कलेक्टर ने जिला मुख्यालय के एनआईसी केन्द्र सहित सीएससी, जनपद मुख्यालयों, सीएलएफ, ग्राम पंचायतों, ग्राम संगठन कार्यालयों में अधिक से अधिक समूह के सदस्यों, जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों एवं आमजनों को सीधे प्रसारण को दिखाये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये।
00000
जिले में किसानों को सुविधाजनक ढंग से खाद उपलब्धता की व्यवस्था की गई
रीवा. किसानों की जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराने के लिए जिले में कई प्रबंध किए गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि अधिकारियों की निगरानी में खाद का वितरण कराया जा रहा है। जिले के विपणन संघ के सभी डबल लॉक केन्द्रों में बड़े निजी विक्रेताओं के माध्यम से खाद बिक्री की जा रही है। इसकी निगरानी के लिए राजस्व एवं अन्य विभागों के अधिकारी तैनात किए गए हैं। सभी बिक्री केन्द्रों में खाद के निर्धारित दाम के बैनर तथा फ्लैक्स लगाए गए हैं। सोशल मीडिया के साथ-साथ अन्य प्रचार माध्यमों से भी किसानों को इसकी जानकारी दी जा रही है। साथ ही अधिक दाम लेने वाले विक्रेताओं पर कार्यवाही करने के लिए अधिकारियों के व्हाट्सएप नम्बर भी जारी किए गए हैं। किसानों को सुविधाजनक ढंग से खाद मिले इसके लिए करहिया मंडी के डलब लॉक केन्द्र में नगद वितरण केन्द्रों के माध्यम से यूरिया एवं डीएपी का वितरण कराया जा रहा है। कलेक्टर ने बताया कि करहिया मण्डी खाद विक्रय केन्द्र में किसानों की कतार नहीं लगी और उन्हें सुविधाजनक ढंग से खाद प्राप्त हो रही है। इसके साथ-साथ जिले में भी किसानों को सुगमता से खाद की उपलब्धता की सभी व्यवस्थाएें सुनिश्चित की गयी हैं। किसानों के लिए छाया, पेयजल एवं बैठक की व्यवस्था की गयी है। कलेक्टर ने बताया कि जिले का विपणन संघ का सबसे बड़ा डबल लॉक केन्द्र करहिया कृषि उपज मण्डी में संचालित है। इसमें पहले चार काउटंरों से खाद की बिक्री होने से किसानों को खाद प्राप्त करने में परेशानी हो रही थी। इस केन्द्र में अब पांच निजी विक्रेताओं के काउंटर भी खोल दिए गए हैं। अब करहिया में 9 काउंटरों से खाद की बिक्री की जा रही है। इसके साथ-साथ महिला किसानों की सुविधा के लिए एक काउंटर अलग से खोला गया है। जिससे महिला किसान आसानी से खाद प्राप्त कर सकें। राजस्व तथा कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा निजी विक्रेताओं के दुकानों तथा गोदामों का निरीक्षण किया जा रहा है। खाद की रैक नियमित रूप से प्राप्त हो रही हैं.
0000000
किसान भाईयों को खेतों में संतुलित खाद के उपयोग की सलाह
रीवा . उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने किसानों को फसलों में खाद के संतुलित उपयोग की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि किसान भाई खेतों में खाद का संतुलित उपयोग करके कम खर्चे में अधिक फसल प्राप्त कर सकते हैं। सिंचित गेंहू में प्रति हेक्टेयर 16 किलोग्राम यूरिया, 30 किलोग्राम एनपीके तथा 17 किलोग्राम एमओपी का उपयोग करें। इसके विकल्प के रूप में प्रति हेक्टेयर 35 किलोग्राम यूरिया, 25 किलोग्राम एसएसपी तथा 17 किलोग्राम एमओपी का भी उपयोग किया जा सकता है। किसान भाई चना में 25 किलोग्राम एमएसपी का उपयोग प्रति हेक्टेयर करें। सरसों में 16 किलोग्राम यूरिया, 44 किलोग्राम एनपीके तथा 8 किलोग्राम एमओपी का उपयोग प्रति हेक्टेयर करें। इसके विकल्प के रूप में प्रति हेक्टेयर यूरिया 40 किलोग्राम, एसएसपी 38 किलोग्राम तथा एमएसपी 33 किलोग्राम का उपयोग भी किया जा सकता है। उप संचालक कृषि ने कहा है कि इन विकल्पों के प्रयोग से कृषकों को उर्वरक उपलब्धता के अनुसार संतुलित उर्वरकों के उपयोग करने से सहायता मिलेगी।
000000